जानें कौन हैं देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जिनकी जीत के साथ बने ये 5 बड़े रिकॉर्ड..
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में लोकतंत्र की खूबसूरती देखने को मिल रही है। पार्षद के रुप में अपने राजनीतिक की शुरुआत करने वाली द्रोपदी मूर्म आज देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हो गई हैं, वहीं 64 साल की उम्र में अब तक की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बन गई हैं। द्रौपदी के जीवन में कई तूफान आए लेकिन वो डिगी नहीं, सभी मुसीबतों का बहादुरी से सामान करती रहीं। आर्थिक अभाव के कारण वह महज स्तानक तक ही पढ़ाई कर सकी। पहले उन्होंने टीचर बन बच्चों पढ़ाया इसके बाद ओडिशा के सिंचाई विभाग में क्लर्क की नौकरी भी की। द्रौपदी मुर्मू अगर राष्ट्रपति बनते ही कई रिकॉर्ड बन गए हैं। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। ओडिशा से पहली और देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति महिला होंगी। द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनते ही बने हैं कौन कौन से रिकॉर्ड पड़ें सबसे नीचे…
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पति और दो बेटों की असामयिक मौत से भी नहीं टूटीं द्रौपदी मुर्मू
द्रोपदी मूर्म का जन्म 20 जून 1958 में ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिनकी असामयिक मौत शादी के कुछ समय बाद ही हो गई। उस समय मुर्मू के दो बेटे और एक बेटी थी, जिनमें से दो बेटों की भी असामयिक मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने अपनी इकलौती बेटी इतिश्री सहित पूरे परिवार को हौसला दिया और अपने मनोबल को भी टूटने नहीं दिया। मुर्मू का जीवन काफी कठिनाइयों भरा रहा। वह जवानी में ही विधवा हो गई, इसके साथ ही उन्होंने अपने दो बेटों को भी खो दिया।
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राजनितिक सफ़र
द्रौपदी मुर्मू की राजनितिक सफ़र लगभग 1997 में शुरू हुआ था। उन्होंने पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। कुछ समय बाद वो उपाध्यक्ष भी रही। उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य का पद भी संभाला है। लेकिन, द्रौपदी मुर्मू की राजनितिक सफ़र में बड़ा मुकाम तब आया जब वो विधायक बनीं। साल 2000-2004 के बीच में वो मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं। इस बीच वो वाणिज्य और परिवहन का स्वतंत्र प्रभार भी संभाला था। साल 2004 के बाद दोबारा विधायक बनीं और इन बीच उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक होने का नीलकंठ अवार्ड भी दिया गया।
पहली आदिवासी महिला राज्यपाल
द्रौपदी मुर्मू की राजनितिक सफ़र में सबसे बड़ा पल उनका राज्यपल बनाना था। जी हां, साल 2015-2019 के बीच वह झारखण्ड की गवर्नर रही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला थीं जिन्होंने गवर्नर का पद संभाला और पूरा भी किया।
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द्रौपदी मुर्मू की जीत के साथ बने पांच रिकॉर्ड
1- देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति
देश को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और के आर नारायणन के रूप में दो दलित राष्ट्रपति मिल चुके हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी नेता हैं जो कि देश के सर्वोच्च पद तक पहुंची हैं। आज तक देश में कोई आदिवासी न तो प्रधानमंत्री रहा है और न ही गृह मंत्री। ओडिशा में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। खास बात यह भी है कि वह ऐसी पहली राज्यपाल थी जिन्होंने झारखंड में अपना कार्यकाल पूरा किया।
2-सबसे युवा राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। 25 जुलाई को उनकी उम्र 64 साल 1 महीना और 8 दिन होगी। द्रौपदी मुर्मू अब तक की सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी। इससे पहले यह रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम था। जब वह राष्ट्रपति बने तो उनकी उम्र 64 साल दो महीने और 6 दिन थी। वह निर्विरोध राष्ट्रपति बने थे। वहीं सबसे ज्यादा उम्र में राष्ट्रपति बनने वाले में के आर नारायणन का नाम दर्ज है। वह 77 साल 5 महीने 21 दिन की उम्र में राष्ट्रपति बने थे।
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3- आजाद में भारत में पैदा होने वाली राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू ऐसी पहली राष्ट्रपति होंगी जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया है। यूं भी कह सकते हैं कि भारत गणतंत्र में जन्म लिया है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। बता दें कि 2014 तक जितने भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बने, सबका ही जन्म आजादी से पहले हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। वह आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
4- ओडिशा से पहला राष्ट्रपति
देश में अब तक जो 14 राष्ट्रपति हुए हैं उनमें से 7 का ताल्लुक दक्षिण भारत से था। वहीं डॉ. राजेंद्र प्रसाद ऐसे राष्ट्रपति थे जो कि दो बार राष्ट्रपति बने और बिहार के रहने वाले थे। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली ऐसी नेता हैं जो कि इस शीर्ष पद तक पहुंची हैं। वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं।
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5- राष्ट्रपति बनने वाली पहली पार्षद
द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने वाली ऐसी पहली नेता हैं जो कि पार्षद रह चुकी हैं। द्रौपदी मुर्मू सबसे पहले एक शिक्षक थीं। इके बाद वह राजनीति में आ गईं और 1997 में पार्षद चुनी गईं। इसके तीन साल बाद ही वह विधानसभा पहुंच गईं। ओडिशा की भाजपा-बीजेडी की सरकार में वह दो बार मंत्री रह चुकी हैं। वह किसी राज्य की राज्यपाल बनने वाली भी देश की पहली आदिवासी महिला हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने बड़ी जीत की हासिल
15वें राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बड़ी जीत हासिल की है। विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपनी हार स्वीकर कर ली है और उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि आप बिना किसी भय और पक्षपात के संविधान की संरक्षक बनकर कार्य करेंगी। वहीं द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली सबसे युवा आदिवासी महिला बन गई हैं। इस जीत के साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया है।
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