Indian Army: ये हैं सेना के रैंक, कंधे पर लगे स्टार से जानिए अफसरों की रैंकिंग। जानें कौन है सीनियर?

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Know the ranking of officers of the Indian Army from the star on the shoulder HILLVANI NEWS

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भारतीय सेना में नौकरी हर युवा के लिए गर्व की बात है। इससे जुड़ा गौरव व सम्मान युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह इंडियन आर्मड फोर्सेज का अहम हिस्सा है। विश्व की टॉप 5 सेनाओं में भारतीय सेना (Indian Army) का नाम गिना जाता है। भारतीय सेना को शक्तिशाली बनाते हैं इसके जवान और इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार। सेना में भी पदों का एक क्रम होता है, जिसके अनुसार सेना की कार्यप्रणाली चलती है। भारतीय थल सेना यानी इंडियन आर्मी को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। कमीशन किए गए अधिकारी, जूनियर कमिशन अधिकारी और गैर-कमीशन अधिकारी और सैनिक। हर एक की वर्दी पर पद के अनुसार कंधे पर कुछ तारे और प्रतीक चिन्ह लगे होते हैं। आज हम आपको भारतीय थल सेना में रैंकिंग का क्रम और पदानुसार वर्दी पर लगे बैज के बारे में बताएंगे। यह जानकारी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि कंधों पर लगे बैज पर बने चिन्हों को देखकर कैसे समझे कि सामने खड़ा सेना का अधिकारी किस पद पर हैः-

लेफ्टिनेंट (Lieutenant): भारतीय सेना (Indian Army) के कमीशन किए गए अधिकारियों की सबसे छोटी पोस्ट। कोई भी रिक्रूट सबसे पहले एनडीए या आईएमए में कोर्स करके लेफ्टिनेंट ही बनता है। उसकी वर्दी पर कंधे पर लगे बैज पर दो तारे होते हैं। ऊपर दिख रहा भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बैज का बटन होता है। वह हर अधिकारी की वर्दी पर दिखता है।

Lieutenant

कैप्टन (Captain): लेफ्टिनेंट प्रमोशन पाकर या दो साल पूरा करने पर कैप्टन बनता है। इस अधिकारी की वर्दी पर कंधे पर लगे बैज में तीन सितारा होता है। 

Captain

मेजर (Major): 6 साल काम करने व भाग बी की परीक्षा की मंजूरी के बाद या प्रमोशन लेकर आने वाले अधिकारियों को मेजर की पोस्ट दी जाती है। इनके कंधे पर सिर्फ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह होता है। 

Major

लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel): भारतीय सेना में 13 वर्ष या भाग डी की परीक्षा की मंजूरी या प्रमोशन के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट दी जाती है। इनके कंधे पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह और एक तारा होता है। 

Lieutenant Colonel

कर्नल (Colonel): कर्नल या उससे ऊपर की चयन से होता है। 15 साल की कमीशन्ड नौकरी चयन के लिए और 26 साल की कमीशन्ड नौकरी टाइम-स्केल प्रमोशन के लिए चाहिए होता है। इनके कंधे पर दो तारे और भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बना होता है। 

Colonel

ब्रिगेडियर (Brigadier): इस पोस्ट के लिए चयन किया जाता है। 25 वर्ष की कमीशन्ड नौकरी जरूरी है। कंधे पर त्रिकोणीय गठन में तीन तारे बने होते हैं। 

Brigadier

मेजर जनरल (Major General): इस पोस्ट के लिए सेलेक्शन किया जाता है। 32 साल की कमीशन्ड नौकरी जरूरी है। कंधे पर एक तारा, बैटन और सैबर एकदूसरे को क्रॉस करते हुए दिखते हैं।

Major General

लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General): 36 साल की कमीशन्ड नौकरी और चयन से मिलता है यह पद। इसी पद के अधिकारियों को सेना का उप प्रमुख पद दिया जाता है। इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के नीचे एक दूसरे को क्रॉस करते हुए बैटन और सैबर होते हैं। 

Lieutenant General

जनरल (General of the Army): भारतीय सेना का सबसे ऊंची एक्टिव पोस्ट है। इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के साथ एक सितारा और एकदूसरे को क्रॉस करते हुए बैटन और सेबर होते हैं।

General of the Army

फील्ड मार्शल (Field Marshal): भारतीय सेना में आज तक दो ही फील्ड मार्शल हुए हैं। एक केएम करिअप्पा और दूसरे सैम मानेकशॉ। इनके कंधे पर शेर का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह और उसके नीचे कमल के फूलों के घेरे में क्रॉस बैटन और सैबर होता है।

Field Marshal

सभी फोटो – विकिपीडिया

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