केदारनाथ उपचुनाव में किसका पलड़ा भारी? कांग्रेस-भाजपा में टिकट को लेकर गहमा-गहमी..
विधानसभा की केदारनाथ सीट के लिए 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव पर सबकी नजर टिकी है। सत्ताधारी दल भाजपा के लिहाज से यह सीट उसकी प्रतिष्ठा से जुड़ी है। इसे देखते हुए पार्टी पिछले अनुभवों से सबक लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। वहीं बद्रीनाथ और मंगलौर की विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। बद्रीनाथ के निकटतम केदारनाथ सीट पर भी जीतने की पूरी संभावनाएं कांग्रेस को दिख रही हैं। केदारनाथ उपचुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से ही राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है।
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कांग्रेस इस उपचुनाव को किसी भी हाल में जीतने के लिए जिताऊ प्रत्याशी पर मंथन कर रही है। बद्रीनाथ और मंगलौर उप चुनाव जीतने के बाद से ही कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है। ऐसे में केदारनाथ सीट पर भी पार्टी को जीत की संभावनाएं दिख रही हैं। वहीं भाजपा इस सीट पर दोबारा कब्जाने की उम्मीद लिए मजबूत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतराने पर जोर लगा रही है। इस सीट पर सहानुभूति वोट की संभावनाओं को भी देखा जा रहा है जिसके चलते पूर्व विधायक दिवंगत शैलारानी रावत की बेटी को भी टिकट देने पर चर्चा चल रही है।
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कांग्रेस के दावेदार
पूर्व विधायक मनोज रावत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, जिपंस कुलदीप कण्डारी, बीर सिंह बुडेरा, लक्ष्मण रावत, जिपंस विनोद राणा, आलोक बगवाड़ी, गणेश तिवारी, शशि सेमवाल, रीता पुष्पाण, शिशुपाल बिष्ट तथा अवतार सिंह नेगी शामिल हैं।
भाजपा से दावेदार
पूर्व विधायक आशा नौटियाल, कुलदीप रावत, कर्नल अजय कोठियाल, ऐश्वर्या रावत, कुलदीप नेगी आजाद, चंडी प्रसाद भट्ट शामिल हैं।
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