International Yoga Day 2024: योग को प्रसिद्धि दिलाने वाले प्रदेश में ही योग प्रशिक्षित निराश। घोषणा हुई, लेकिन नहीं मिला रोजगार..
International Yoga Day 2024: पूरे देश के साथ देवभूमि उत्तराखंड में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया। देवभूमि उत्तराखंड में आज केदारनाथ से लेकर हरिद्वार व योग नगरी ऋषिकेश तक योग की गंगा बही। एफआरआइ में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव अंतरराष्ट्रीय योग कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं उत्तराखंड में विभिन्न सामाजिक धार्मिक संगठन सोसाइटी की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों के स्वस्थ शरीर व मस्तिष्क के लिए योगासन करवाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित मंत्री, विधायकों के साथ ही प्रदेश के शहरवासियों व गांववासियों ने भी योग किया। इस दौरान निरोग जीवन जीने के लिए योग करने का संदेश दिया गया। 10वां योगा दिवस धूमधाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पार्वती सरोवर के किनारे योग कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके साथ ही प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों के अलावा 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में शिरकत करने सीएम धामी बृहस्पतिवार को गुंजी पहुंच गए थे। पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश अब पर्यटन के रूप में उभर रहा है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदि कैलाश की यात्रा की थी। इसके बाद देश-दुनिया में आदि कैलाश की यात्रा के लिए पर्यटन और श्रद्वालुओं का रुझान बढ़ा। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने पहली आर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आदि कैलाश में मनाने का निर्णय लिया।
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राज्य में 65 हजार योग प्रशिक्षित बेरोजगार। International Yoga Day 2024
उत्तराखंड से योग को देश-दुनिया में इतनी प्रसिद्धि मिली पर राज्य के योग प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला। राज्य में 65 हजार योग प्रशिक्षित बेरोजगार हैं। प्रदेश में योग को बढ़ावा देने के नाम पर कई बड़े दावे किए जाते हैं। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार हो या फिर वर्तमान की भाजपा सरकार। दोनों सरकारों में उनके लिए नौकरी की घोषणा हुई, लेकिन नौकरी नहीं मिली। उनके लिए पूर्व में कैबिनेट में आए प्रस्ताव भी लटके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 31 दिसंबर 2021 की कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 119 राजकीय महाविद्यालयों एवं हर जिले के एक-एक इंटर कालेज में योग प्रशिक्षितों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया था। लेकिन, वित्त विभाग की मंजूरी के बिना कैबिनेट में आया यह प्रस्ताव आपत्ति के चलते आगे नहीं बढ़ पाया। राज्य के योग प्रशिक्षित बेरोजगारों की ओर से इस मसले को उठाने के बाद 30 अक्तूबर 2023 की कैबिनेट बैठक में फिर से यह प्रस्ताव आया। इस बार निर्णय लिया गया कि 117 राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छह परिसरों में योग प्रशिक्षकों को 18,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय पर रखा जाएगा। इस प्रस्ताव के बाद शासनादेश जारी हुआ, लेकिन बेरोजगारों को अब तक नियुक्ति नहीं मिली। आपको बता दें कि प्रदेश के योग प्रशिक्षित बेरोजगार पिछले 17-18 वर्षों से नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। नौकरी नहीं मिलने से बड़ी संख्या में योग प्रशिक्षितों की नौकरी की अधिकतम आयु सीमा भी पार हो चुकी है।
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घोषणा हुई, लेकिन नहीं मिला रोजगार। International Yoga Day 2024
आपको बता दें कि नौकरी के नाम पर योग प्रशिक्षितों के साथ मजाक होता आ रहा है। वर्ष 2010, 2014 और 2016 में योग प्रशिक्षितों को नियुक्ति का प्रस्ताव कैबिनेट में आया, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा एक मार्च 2014 को टिहरी में आयोजित एक समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जूनियर हाईस्कूलों एवं इससे उच्च स्तर की कक्षाओं में योग शिक्षा को शामिल करने एवं योगाचार्यों की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के बाद उनकी नियुक्ति के मसले पर कुछ नहीं हुआ। शहरी क्षेत्रों में कुछ योग प्रशिक्षित घर-घर जाकर लोगों को योगाभ्यास करा रहे हैं। उन्हें इससे जो मिलता है, उससे किसी तरह अपने परिवार का खर्चा चला रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के पूरी तरह से हाथ खाली हैं। वहीं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि सरकार ने हर सरकारी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय परिसर में एक-एक योग प्रशिक्षित बेरोजगार की नियुक्ति का निर्णय लिया है। जल्द ही बेरोजगारों को नियुक्ति दी जाएगी। वहीं, 1800 हेल्थ और वेलनेस सेंटरों में 500 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से उन्हें रखा जाएगा।
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