घर की छत पर लगवा लें सोलर पैनल, मिलेगी दोगुनी सब्सिडी, नहीं आएगा बिजली बिल! पढ़ें क्या है योजना..

0
Uttarakhand-solar-panels-Hillvani-News

Uttarakhand-solar-panels-Hillvani-News

Solar plant: सरकार देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए वो लोगों को घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी दे रही है। सरकार की इस स्कीम का लाभ कोई नागरिक उठा सकता है। ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी को बढ़ा दिया है। योजना के तहत सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली सीधे यूपीसीएल के ग्रिड में जाती है। अपने घर की छत के छोटे से हिस्से में सोलर प्लांट लगाकर सालाना बिजली खर्च बचा सकते हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट योजना सब्सिडी को दोगुना किया है। अब एक किलोवाट पर 17 हजार के बजाय 35 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। केंद्र के निर्देशों के इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः कार गहरी खाई में गिरी, दो सगे भाईयों की मौत। पांच घायल..

जानें क्या है योजना
ऊर्जा मंत्रालय ने अपनी इस योजना के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी को बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत आपके सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली सीधे यूपीसीएल के ग्रिड में जाती है। बिजली करीब 4.25 रुपये प्रति यूनिट यूपीसीएल खरीदता है। आपका जो घरेलू बिजली बिल आता है, उसमें से इतनी ही बिजली कम कर दी जाती है। अगर घरेलू जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो रही है तो उसका भुगतान भी यूपीसीएल करता है।
खर्च 55 हजार, सब्सिडी 35 हजार
एक किलोवाट के प्रोजेक्ट पर करीब 55 हजार का खर्च आता है। इस पर अभी तक 17,662 रुपये सब्सिडी मिलती थी। इतना ही राज्य अंश होने के चलते अब एक किलोवाट पर 35,324 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। यानी एक किलोवाट पर महज 20 से 22 हजार रुपये का खर्च आएगा। एक किलोवाट से सालभर में करीब 1200-1400 यूनिट बिजली पैदा होती है। प्रतिमाह करीब 100-120 यूनिट।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः मंदिर में जलाभिषेक करने गई थी युवती और किशोरी, स्नान करते समय नदी में बहीं, दोनों की मौत..

ऑनलाइन आवेदन करें, किसी से भी लगवाएं
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको मंत्रालय की वेबसाइट solarrooftop.gov.in पर आवेदन करना होगा। 15 दिन में मंत्रालय इस आवेदन पर निर्णय लेकर इसे यूपीसीएल के पास पहुंचा देगा। इसके बाद आप किसी भी वेंडर से अपना सोलर प्रोजेक्ट लगवा सकते हैं। इसमें कोई बाध्यता नहीं है। प्रोजेक्ट लगने के बाद वेंडर, यूपीसीएल और संबंधित व्यक्ति का हस्ताक्षरयुक्त पत्र मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद मंत्रालय से प्रमाणपत्र जारी हो जाएगा।
100 वर्ग फुट में एक किलोवाट
एक किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाने के लिए आपको 10 गुना 10 यानी 100 वर्गफुट जगह की जरूरत होगी। जैसे-जैसे किलोवाट क्षमता बढ़ेगी, वैसे ही आपको और ज्यादा जगह की जरूरत होगी। यूपीसीएल के निदेशक प्रोजेक्ट अजय अग्रवाल का कहना है कि सरकार की ये योजना काफी फायदेमंद है।

यह भी पढ़ेंः केदारनाथ में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध, BKTC ने परिसर में लगाए साइन बोर्ड। अब होगी कार्रवाई..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X