उत्तराखंड में 18 साल में 0.45% युवा ही बने अधिकारी। 8.68 लाख है बेरोजगारों की संख्या, देखें आंकड़े..
उत्तराखंड में भले ही भर्ती एजेंसियों के माध्यम से समय-समय पर सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन मांगे जाते हैं, परीक्षाएं/ साक्षात्कार होते हैं मगर बेरोजगारों की साल दर साल बढ़ती फौज शायद ही कम हो रही है। इसका अंदाजा राज्य में सिविल सेवा परीक्षा कराने वाले ‘उत्तराखंड लोक सेवा आयोग’ के 20वें वार्षिक प्रतिवेदन में दिए गए आंकड़ों से आसानी से लगाया जा सकता है। जिसके अनुसार आयोग ने पिछले 18 सालों में जितनी भी भर्ती परीक्षाएं या साक्षात्कार कराएं हैं, उनमें केवल 6203 युवा ही सफल होकर अफसर बन सके हैं। आसान भाषा में समझें तो आयोग द्वारा 6803 रिक्त पदों के लिए कराई गई परीक्षा में राज्यभर के 13.69 लाख अभ्यर्थियों ने किस्मत आजमाई और इनमें से महज 0.45% अभ्यर्थी ही सफल हो सके हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह विभागों की ओर से आयोग को दिया जाने वाला बेहद कम रिक्त पदों का अधियाचन है। उत्तराखंड में बेरोजगारों की संख्या पर काबू पाना आसान नहीं है। वर्तमान में राज्य में बेरोजगारों की संख्या 8 लाख 68 हजार 488 है। ये सभी सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत हैं।
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लोक सेवा आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन 2020-21 के अनुसार पहली भर्ती परीक्षा 2003-04 में कराई गई थी। तब विभिन्न विभागों में 270 पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षाओं में राज्यभर से 50 हजार 569 अभ्यर्थियों ने किस्मत आजमाई। अगले साल 2004-05 में 910 रिक्त पदों की परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की संख्या महज 2661 ही रही। आयोग के इतिहास में यही वो साल था जब आवेदन करने वाले 33% से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरी मिली थी। इसके बाद से ये आंकड़ा पद कम होने और अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने के कारण कभी भी 1% तक भी नहीं पहुंचा। अंतिम बार करीब 7 साल पहले 2.13% युवाओं को परीक्षाओं में सफलता मिली थी। आयोग की ओर से कराई जाने वाली परीक्षाओं की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2016-17 में 236 रिक्त पदों के लिए कराई गई परीक्षाओं में रिकॉर्ड 2 लाख 97 हजार 579 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। यानी कि प्रत्येक पद के लिए 1293 अभ्यर्थियों ने दावा ठोका था। वहीं गिरधारी सिंह रावत, सचिव, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का कहना है कि आयोग को भर्ती परीक्षाएं कराने के लिए विभागों द्वारा पदों का अधियाचन दिया जाता है। उसी के अनुसार परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। उत्तराखंड छोटा राज्य है, ऐसे में यहां विभागों में पद भी कम होते हैं।
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आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष रिक्तियां आवेदन सफल अभ्यर्थी (%)
2003-04 270 50569 269 (0.53)
2004-05 910 2661 885 (33.25)
2005-06 445 8785 417 (4.74)
2006-07 – – –
2007-08 50 15273 43 (0.28)
2008-09 210 98732 193 (0.19)
2009-10 – – –
2010-11 168 60507 123 (0.20)
2011-12 898 82651 771 (0.93)
2012-13 49 16361 41 (0.25)
2013-14 1400 88266 1333 (1.51)
2014-15 351 14581 311 (2.13)
2015-16 35 14445 27 (0.18)
2016-17 236 297579 171 (0.05)
2017-18 795 213663 734 (0.34)
2018-19 367 126617 365 (0.28)
2019-20 455 246751 445 (0.18)
2020-21 164 32377 75 (0.23)
योग 6803 1369818 6203 (0.45)
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