उत्तराखंड में कैसा हो Uniform Civil Code? आप भी दें अपने सुझाव, इस तिथि तक भेंजें..
Uttarakhand Uniform Civil Code: उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने समान नागरिक संहिता कानून का मसौदा तैयार करने हेतु उत्तराखंड की जनता की राय और सुझाव लेने के लिए बृहस्पतिवार को एक पोर्टल की शुरूआत की गई है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code) लागू करने के लिए एक पोर्टल लांच कर सरकार ने नागरिकों से सुझाव मांगे हैं। 7 अक्तूबर तक सुझाव भेजे जा सकते हैं। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने ट्वीट कर दी। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष व सदस्यगणों ने सचिवालय में भेंट कर विस्तार से चर्चा की। हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखने का कार्य करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने समिति के अब तक के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने तेजी से काम किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्धजनों के साथ आम जन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिये हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह दूसरे प्रदेशों के लिये भी अनुकरणीय होगा।
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पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में उत्तराखण्ड की जनता का सकारात्मक रेस्पोंस है। अच्छी भावना के साथ किये गये कार्य सफल होते हैं। विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (से.नि.) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव प्राप्त करने के लिये पोर्टल https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं। समिति हर सुझाव पर पूरी गम्भीरता से विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आजादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सएप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। जिसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के भीतर दे सकते हैं।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखण्ड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों –विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति की अनेक बैठकें हो चुकी हैं जिनमें व्यापक विचार विमर्श किया गया है। अब https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं। इस दौरान समिति के सदस्य जस्टिस (से.नि.) प्रमोद कोहली, मनु गौड़, शत्रुघ्न सिंह (से.नि.आईएएस), प्रो सुरेखा डंगवाल, सदस्य सचिव एवं अपर स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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