उत्तराखंडः होम मिनी बार लाइसेंस नीति.. खुद भी पिएं और दूसरों को भी पिलाएं, पहला लाइसेंस जारी..

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एक तरफ हमारी सरकार देवभूमि को ड्रग्स फ्री व नशा मुक्त बनाने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर शराब को बढ़ावा दे रही है। शराब भी नशा ही है और इस नशे में लोगों के घर परिवार बर्बाद हो गए, इतना ही नहीं इस शराब से लोगों की पीढ़ियां भी बर्बाद हो गई हैं। बावजूद सरकार मुनाफा कमाने के चक्कर में अपने ही नागरिकों को नशे के दलदल में धकलने का काम कर रही है। सवाल यह है कि जब ड्रग्स फ्री देवभूमि की बात हो सकती तो फिर शराब मुक्त देवभूमि क्यों नहीं हो सकती? इससे जहां हर घर में शराब पहुंचेगी। वहीं, शराब की तस्करी भी बढ़ जाएगी, जिससे सीधे तौर पर अपराधों के बढ़ने की आशंका भी हमेशा ही बनी रहेगी।
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आपको बता दें कि अब उत्तराखंड में भी होम मिनी बार खुलेंगे। राज्य सरकार ने होम मिनी बार लाइसेंस नीति को मंजूरी दे दी है। कुछ शर्तों के साथ इच्छुक लोगों को होम बार लाइसेंस मिलेगा। घर के लिए बार लाइसेंस लेने के लिए संबंधित को 12 हजार रुपए लाइसेंस फीस देनी होगी। हर वर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान ने बताया कि अभी तक एक लाइसेंस के लिए आवेदन आया था। इसे जारी कर दिया गया है। एक लाइसेंस पर 50 लीटर शराब देसी या विदेशी रखी जा सकती है।
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