उत्तराखंडः अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ सरकार सख्त, 1 जून से होगी FIR और रिकवरी..

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उत्तराखंडः प्रदेश में फर्जी एवं अपात्र राशन कार्डधारकों के खिलाफ एक जून से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 या आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य के निर्देश के बाद शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को जारी आदेश के मुताबिक 31 मई के बाद जांच में पाए जाने वाले अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जबकि अभियान के दौरान जिस गांव का राशन कार्ड समर्पित व रद्द होगा। उसी गांव के पात्र परिवार को इसे वरीयता के आधार पर दिया जाएगा। यदि उस गांव में पात्र परिवार नहीं मिलता है तो पड़ोसी गांव के पात्र परिवार को पात्रता के आधार पर दिया जाएगा। पूरे जिले से जितने कार्ड समर्पित एवं रद्द होंगे उन्हें उसी जिले के संबंधित क्षेत्रों के पात्र परिवारों को चिन्हित कर जारी किया जाएगा। एक जिले के राशनकार्ड की रिक्ति को किसी भी स्थिति में अन्य जिलों में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

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लाभार्थियों के नाम किए जाएंगे सार्वजनिक
उत्तराखंड सरकार से सस्ता और मुफ्त राशन लेने वाले लाभार्थियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। प्रदेश की हर राशन की दुकान के बाहर, उस दुकान से जुड़े अंत्योदय व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन लेने वाले कार्ड धारकों के नाम की लिस्ट लगाई जाएगी। इस लिस्ट में व्यक्ति का नाम, पता व उसका मोबाइल नंबर दर्ज होगा। खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। साथ ही एक जून से अपात्रों पर एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई भी शुरू होगी। खाद्य मंत्री ने बताया कि राशन की दुकानों के बाहर नाम लिखे होने से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी। साथ ही स्थानीय लोग खुद भी जांच सकेंगे कि उनके बीच का कोई सक्षम व्यक्ति तो गरीबों के हक पर डाका नहीं डाल रहा है। मालूम हो कि उत्तराखंड में अंत्योदय राशन कार्ड पर हर महीने 35 किलो राशन रियायती मूल्य पर दिया जाता है।

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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो अनाज दिया जाता है। कोरोनाकाल से इन दोनों श्रेणी के 15 लाख से ज्यादा राशनकार्डों पर पांच-पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है। मानक के अनुसार, 15 हजार रुपये से ज्यादा मासिक आय वाला व्यक्ति इन योजना का लाभ नहीं ले सकता है पर शिकायतें मिली हैं कि बड़ी संख्या में अपात्र दोनों योजनाओं का लाभ रहे हैं। कई ज्यादा लोग अब तक खुद अपने कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। मालूम हो कि यूपी में भी खाद्य विभाग ने अपात्र राशन कार्ड धारकों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है।

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एक जून से अपात्रों पर एफआईआर और रिकवरी शुरू होगी
खाद्य विभाग ने एक जून से प्रदेशभर में राशन कार्ड के सत्यापन के लिए ‘अपात्र को ना-पात्र का हां’ अभियान चलाने की तैयारी भी शुरू कर दी। विभागीय सचिव सचिन कुर्वे ने सभी डीएम-डीएसओ को इसके लिए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि 15 हजार रुपये से अधिक मासिक आमदनी वाले लोगों को 31 मई तक स्वत: अपने अंत्योदय व एनएफएसए कार्ड सरेंडर करने का वक्त दिया गया है। इसके बाद एक जून से सघन अभियान चलाते हुए राशन कार्ड का सत्यापन किया जाएगा। अपात्रों के खिलाफ एफआईआर और उनसे अब तक लिए राशन की रिकवरी भी की जाएगी। कुर्वे ने डीएम और डीएसओ को इस अभियान को पूरी तत्परता से पूरा करने को कहा है। अपात्रों की सूचना हेल्पलाइन नंबर-1967 पर भी दे सकता है। सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।

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पेंशन की वजह से इनके कार्ड नहीं होंगे रद्द
आदेश में कहा गया है कि वृद्धावस्था, किसान निधि, विधवा, दिव्यांग, परित्यक्ता पेंशन धारकों के कार्ड पेंशन की वजह से रद्द नहीं होंगे। वृद्धावस्था, किसान निधि, विधवा, परित्यक्ता, दिव्यांग पेंशन 1500 मासिक तय की गई है, जो इसी वर्ष एक अप्रैल से लागू है। खाद्य विभाग के शासनादेश के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशनकार्ड के लिए पात्रता के मानक जारी किए गए हैं। जिसमें परिवार की कुल मासिक आय 15,000 का मानक हैं। जबकि समाज कल्याण विभाग के शासनादेश के अनुसार 1500 मासिक पेंशन की दर से पूरे वर्ष के 18,000 बनते हैं। फलस्वरूप किसी भी वृद्धावस्था, किसान निधि, विधवा, परित्यकता, दिव्यांग पेंशन धारक के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशनकार्ड से वंचित होने की स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

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शासनादेश में देरी पर मंत्री ने जताई नाराजगी
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने अपात्र राशन कार्ड को लेकर चलाए गए अभियान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे। मंत्री के निर्देश के बाद भी इस संबंध में जीओ नहीं हुआ। इस पर शुक्रवार को उन्होंने मुख्य सचिव को फोन कर इस पर नाराजगी जताई।

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