4 घंटे तड़पता रहा फौजी का डेढ़ साल का बेटा, नहीं मिला इलाज, चली गई जान

0
4 घंटे तड़पता रहा फौजी का डेढ़ साल का बेटा,

उत्तराखंड के चमोली जिले के चिड़ंगा गांव में एक फौजी के डेढ़ साल के बेटे हिमांशु जोशी की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिक दिनेश चंद्र के बेटे की तबीयत बिगड़ने पर मां उसे ग्वालदम अस्पताल ले गई, लेकिन इलाज न मिलने पर उसे बैजनाथ, बागेश्वर और फिर हल्द्वानी रेफर किया गया।

चार घंटे में पांच अस्पतालों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा. 108 एंबुलेंस के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आखिरकार डीएम के हस्तक्षेप पर रात 9:30 बजे एंबुलेंस मिली, लेकिन अल्मोड़ा से हल्द्वानी ले जाते समय हिमांशु की मौत हो गई. ये पूरा घटनाक्रम 10 जुलाई का है। दिनेश चंद्र ने सोशल मीडिया पर मार्मिक वीडियो साझा कर सिस्टम पर सवाल उठाए उन्होंने कहा कि मैं सरहद पर देश की रक्षा करता हूं, लेकिन अपने बेटे को सिस्टम की बेरुखी से नहीं बचा सका।

उन्होंने बागेश्वर अस्पताल की कार्यप्रणाली और डॉ. भूपेंद्र पटियाल के अभद्र व्यवहार पर सवाल उठाए. दिनेश का आरोप है कि समय पर एंबुलेंस न मिलने और इमरजेंसी में सहयोग न करने से उनके बेटे की जान गई। मामला उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करता है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के दावों के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक इलाज और एंबुलेंस सेवाओं की कमी बरकरार है। पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां समय पर इलाज न मिलने से मरीजों की जान गई लेकिन बावजूद इसके आज भी स्थिति सही नहीं हुई। यही नहीं लोग धामी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं।

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X