ध्यान देंः मकान निर्माण के विकास प्राधिकरण ने बदले नियम, मकान मालिकों ने नहीं किया यह काम तो कटेगा भारी चालान..
विकास प्राधिकरणों से नक्शा पास कराए बिना होने वाले निर्माण पर अब श्रम विभाग भी चालान करेगा। ऐसे भवन स्वामियों से भी लेबर सेस वसूला जाएगा। लेबर सेस वसूलने का काम संभाल रही टीसीआईएल कंपनी को कर्मकार बोर्ड ने चालान के नोटिस जारी करने को कहा है। विकास प्राधिकरणों का नक्शा दिखाने वालों को इन चालान से राहत मिलेगी। भवन निर्माण लागत का एक प्रतिशत लेबर सेस के रूप में वसूला जाता है। दस लाख कम निर्माण लागत वाले भवनों को लेबर सेस से छूट है। 30 अक्तूबर 2005 को कर्मकार बोर्ड का गठन हुआ। इसके बाद से जिन भवनों का निर्माण हुआ है, उन्हें लेबर सेस का भुगतान करना है। नए भवनों के निर्माण पर विकास प्राधिकरण नक्शा पास करने के दौरान ही लेबर सेस वसूल कर बोर्ड को दे रहे हैं। इसी तरह बड़े सड़क, पुल और अन्य बिल्डिंग निर्माण पर भी लेबर सेस वसूला जा रहा है।
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चार लाख भवन किए हैं चिन्हित
कुल कितने भवनों ने लेबर सेस का भुगतान नहीं किया है, उसके लिए बोर्ड ने टीसीआईएल कंपनी को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है। कंपनी ने गूगल इमेज और फील्ड सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की। 2005 से पहले, बाद में और मौजूदा तस्वीरों के आधार पर भवन निर्माण की एक संख्या निकाली गई। राज्य में विकास प्राधिकरण वाले क्षेत्रों में करीब चार लाख के करीब नए भवन पाए गए। अब पहले चरण में करीब दो लाख लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इनमें से जो पास नक्शा नहीं दिखा सकेगा उससे लेबर सेस वसूला जाएगा।
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गलत चालान कर दिए तैयार
कंपनी ने पहले जो चालान तैयार किए थे, उसमें चालान जारी करने वाले का नाम और पता कर्मकार बोर्ड का दिखाया, जबकि ये चालान स्थानीय लेबर इंस्पेक्टर के स्तर से जारी होंगे। चालान में लेबर सेस का भुगतान करने को जो खाता संख्या दिखाई गई, वो भी सही नहीं है। अब कंपनी को नए सिरे से चालान तैयार कर उपलब्ध कराने हैं, जो स्थानीय लेबर इंस्पेक्टर के स्तर से जारी होंगे। पीसी दुम्का, सचिव भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का कहना है कि कंपनी ने पूर्व में जो चालान तैयार किए थे, उन्हें संशोधित कर नए सिरे से चालान जारी किए जाएंगे। चालान का निस्तारण कैसे किया जाए, कैसे भुगतान किया जाए, इसकी पूरी नई व्यवस्था बनाई जा रही है। ताकि लोगों को कोई दिक्कत पेश न आए।
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