उत्तराखंडः अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर गहराए संकट के बादल, जानें आखिर क्यों?
शिक्षा विभाग में एलटी और प्रवक्ता कैडर में हुए बंपर तबादलों से अतिथि शिक्षकों की नौकरी भी खतरे में आ गई। अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न माने जाने की वजह से कई परमानेंट शिक्षकों की तैनाती उनके पदों पर हो गई है। व्यवस्था के अनुसार परमानेंट शिक्षक के आने पर अतिथि शिक्षक को हटना पड़ता है। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष जोशी ने कहा कि पूर्व में कई बार सरकार ने वादा किया था कि अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माना जाएगा। लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। इससे अतिथि शिक्षकों को लगातार हटना पड़ रहा है। हालिया तबादला सत्र के दौरान बेसिक से एलटी में प्रमोशन, सामान्य और अनुरोध के आधार पर तबादले और आचार संहिता के दौरान रोके गए तबादला आदेश बहाल होने से बड़ी संख्या में तबादले हुए हैं।
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माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष जोशी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न माध्यमिक स्कूलों में 3500 से ज्यादा अतिथि शिक्षक काम कर रहे हैं। जोशी बताते हैं कि तबादला प्रमोशन की वजह से एक हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों के सीधा सीधा प्रभावित होने की आशंका है। अतिथि शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं। जिन पदों पर अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, उन्हें रिक्त की श्रेणी से हटाया जाना चाहिए। हर बार नई नियुक्ति या ट्रांसफर से समस्या बनी रहती है। महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी का कहना है कि वर्तमान में केवल ट्रांसफर किए गए हैं। इसलिए पर्याप्त संख्या में पद रिक्त हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि यदि किसी अतिथि शिक्षक के हटने की स्थिति आती है तो उन्हें दूसरे स्कूल में समायोजित कर दिया जाए।
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