उत्तराखंडः क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस आहत! सवाल वही कि.. आखिर वो कौन है?
उत्तराखंड में राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग चर्चा का विषय बना हुआ है आखिर सभी जानना चाहते हैं कि कौन है कांग्रेस का वह विधायक जिसने क्रॉस वोटिंग की.. इस सवाल का जवाब जानने के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सभी विधायकों का मन टटोल रहे है कि आखिर वो है कौन? लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की गोपनीय मतदान प्रक्रिया कांग्रेस के क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक के लिए सुरक्षा कवच बनी हुई है। मतदाता की पहचान जाहिर न करने के नियम की वजह से कांग्रेस को अपने गैर वफादार विधायक को चिह्नित करना मुश्किल हो रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य खुद विधायकों से फोन पर बात करते हुए टोह लेने की कोशिश कर रहे हैं।
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आज भी दोनों नेताओं ने कुछ विधायकों से बातचीत की। सूत्रों के अनुसार पांच विधायकों के फोन बंद होने के कारण उनसे बातचीत नहीं हो पाई। इधर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने शनिवार को प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को पूरी रिपोर्ट दे दी है। शनिवार को राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में माहरा और आर्य ने कहा कि क्रॉस वोटिंग निसंदेह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस भी विधायक ने ऐसा किया है, उसने पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा है। इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। हाईकमान को इसकी रिपोर्ट दे दी गई है। हाईकमान ने भी इस घटना पर गहरी चिंता जाहिर की है। मीडिया के सवाल के जवाब में माहरा और आर्य ने माना कि गोपनीय मतदान प्रक्रिया होने की वजह से क्रॉस वोटर विधायक को चिह्नित करना मुश्किल हो रहा है। माहरा ने कहा कि उन्होंने कुछ विधायकों से बात की है।
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पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की पैरवी की। प्रीतम ने कहा कि यह बेहद दुखद है। जिस पार्टी ने आपको सब कुछ दिया है, उसके साथ ही विश्वासघात करना सबसे बड़ा अपराध है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जानी जरूरी है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस को समर्पित सिपाहियों की जरूरत है। जो लोग पार्टी के साथ विश्वासघात कर रहे हैं, उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि मतदान प्रक्रिया की वजह से भले ही क्रॉस वोटिंग करने वाले की अभी पहचान नहीं हो पा रही है, लेकिन समय सबसे बड़ा न्यायाधीश है। पार्टी के साथ विश्वासघात करने वाले धीरे धीरे खुद ही सामने आ जाएंगे। उनके हावभाव, हरकतें और गतिविधियां सब बयां कर देंगी। जल्द ही इस विषय को लेकर विधायकों की बैठक बुलाने पर विचार किया जाएगा।
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