आयोग रद्द भी कर सकता है परीक्षा, पुलिस रिपोर्ट से होगा तय। CM धामी ने बनाया एक्शन प्लान..
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का भविष्य पुलिस की रिपोर्ट से तय होगा। पुलिस अगर अपनी रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर पेपर लीक होने की जानकारी आयोग को उपलब्ध कराएगी तो आयोग इस परीक्षा का रद कर सकता है। आयोग ने 13 विभागों के 916 पदों पर भर्ती के लिए पिछले साल चार व पांच दिसंबर को परीक्षा कराई थी। इसका परिणाम जारी करने के बाद आयोग ने चुने गए युवाओं के प्रमाण पत्रों का वेरिफिकेशन भी कर दिया था। अंतिम चयन सूची विभागों को भेजी जाती, इससे पहले ही पेपर लीक की सूचनाएं आ गईं। जिन 916 युवाओं का चयन हो चुका है, उनसे नौकरी बस एक कदम दूर है, लेकिन पेपर लीक की वजह से पूरी प्रक्रिया रोक दी गई। आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि उनके कार्यकाल में परीक्षा रद करने का निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एसटीएफ की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। वहीं उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अभी परीक्षा नियंत्रक शालिनी नेगी ने ज्वाइन नहीं किया है। सभी व्यवस्थाएं समझने के बाद ही परीक्षा पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
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मुख्यमंत्री धामी ने बनाया एक्शन प्लान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घपले के अंतिम आरोपी तक को पकड़ा जाएगा। त्रुटिरहित परीक्षा के लिए, आयोग के साथ किसी दूसरी एजेंसी को जोड़ने पर भी विचार किया जााएगा। कहा कि स्नातक स्तरीय भर्ती मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। अब तक 19 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। कोई कितनी भी पहुंच वाला क्यों न हो बख्शा नहीं जाएगा। मामले में अंतिम आरोपी की गिरफ्तारी तक कार्रवाई जारी रहेगी। सरकार युवाओं का भी अहित नहीं होने देगी। धामी ने बताया कि प्रदेश में रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए जल्द निवेशक सम्मेलन किया जाएगा।
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धामपुर सहित उत्तरकाशी से हो सकती है और गिरफ्तारियां
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ पश्चिमी यूपी के तीन नकल माफिया की गिरफ्तारी की तैयारी में है। बताया गया है कि ये पिछले दिनों पकड़े गए हाकम सिंह के साथ भर्ती घपले में शामिल रहे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ इनके ठिकानों की टोह ले रही है। उधर उत्तरकाशी से भी जल्द ही कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक इनमें से एक के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिल चुके हैं। हाकम सिंह ने इस व्यक्ति के साथ मिलकर धामपुर में नकल सेंटर बनाया था। यहां पेपर लीक कराते वक्त दो और लोग भी जुड़े हुए थे। सूत्रों की मानें तो 2020 में भी एक भर्ती परीक्षा में नकल के लिए धामपुर को ही चुना गया था। बताया जा रहा है इस गैंग ने सबसे ज्यादा युवाओं से डील की। गैंग से जुड़े लोगों की संपत्ति बीते कुछ समय में तेजी से बढ़ी। एसटीएफ ने हाकम के संपर्कों तक पहुंचना शुरू कर दिया है। पता चला है कि धामपुर क्षेत्र के तीन लोग हैं, जिनके संपर्क में हाकम रहा करता था। इस मामले में अब तक 18 लोगों को जेल भेजा चुका है।
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