उत्तराखंडः उपचुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस में दावेदारों की तलाश शुरू, यह है चुनाव की आखिरी तारीख..
उपचुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने दावेदारों की तलाश शुरू कर दी है। कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के रिक्त हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। इस विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए, निर्वाचन की सिफारिश भारत निर्वाचन आयोग को कर चुकी है। अब आयोग यहां छह माह के भीतर उपचुनाव सम्पन्न कराएगा। यहां 26 अक्तूबर से पहले उपचुनाव होना है। इस बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने भी बागेश्वर जिला निर्वाचन अधिकारी से बजट के साथ ही अन्य संसाधनों की उपलब्धता बताने को कहा है।
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भाजपा खेल सकती है सहानुभूति कार्ड
बागेश्वर सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के परिजनों को मैदान में उतार सकती है। पार्टी की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। उनकी पत्नी के साथ ही दो बेटों में से किसी को टिकट देने पर मंथन चल रहा है। भाजपा प्रदेश संगठन ने उपचुनाव की रणनीति पर काम शुरू कर दिया। पार्टी सूत्रों के अनुसार उपचुनाव में सहानुभूति फैक्टर को देखते हुए उनके परिजनों में से ही किसी को टिकट देने पर विचार चल रहा है। उनकी पत्नी पार्वती देवी के साथ ही बेटे गौरव और भाष्कर में से किसे टिकट दिया जाए इसको लेकर मंथन चल रहा है।
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संगठन स्तर पर चल रही तैयारियां
आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार बागेश्वर पहुंचे थे और दिवंगत चंदनराम दास के परिजनों से मुलाकात कर सात्वना दी थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि अभी चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव का कार्यक्रम नहीं आया है, इसलिए अभी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, लेकिन संगठन के स्तर से सभी तैयारियां चल रही हैं। पार्टी उचित समय पर इस संदर्भ में विचार-विमर्श करेगी।
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कांग्रेस पर रणजीत दास और प्रदीप टम्टा का विकल्प
बागेश्वर विधानसभा सीट पर फरवरी 2022 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने रणजीत दास को टिकट दिया था, जो त्रिकोणीय मुकाबले में चंदन राम दास से 12,141 मतों से हार गए थे। तब आम आदमी पार्टी के बसंत कुमार ने 16 हजार से अधिक मत जुटाकर कांग्रेस को जीत से दूर कर दिया था। इस बार पार्टी यहां रणजीत दास के साथ ही पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा के नाम पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। प्रदीप टम्टा हालांकि पूर्व में अल्मोड़ा जिले में सोमेश्वर से विधायक रह चुके हैं, लेकिन उनका मूल गांव भी बागेश्वर विधानसभा में ही आता है।
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उपचुनाव को लेकर अलर्ट मोड में कांग्रेस
इसलिए टम्टा कांग्रेस के पास एक विकल्प के तौर पर उपलब्ध हैं। कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के लिए पैनल बनाने की तैयारी कर शुरू कर दी है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ चुकी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि कांग्रेस उपचुनाव के लिए तैयार है। कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रत्याशियों का पैनल बनाकर हाईकमान को भेजा जाएगा। पार्टी प्रदेश सरकार की नाकामियों को उजागर कर उपचुनाव में जीत दर्ज करेगी।
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