उत्तराखंड को केंद्र सरकार की बड़ी सौगात, यहां बनेगी औद्योगिक स्मार्ट सिटी। CM धामी ने कहा..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने देश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देते हुए 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है। यह फैसला भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने वाला साबित होगा। इससे आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। देश के 10 राज्यों में फैले 6 प्रमुख औद्योगिक गलियारों के किनारे इन्हें विकसित किया जाएगा। ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया (ऊधमसिंह नगर), पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर-पाली में स्थित हैं। परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इससे भारत वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत कर सकेगा।
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धामी ने पीएम नरेंद्र मोदी का किया आभार व्यक्त
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को मिली इस बड़ी सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उत्तराखंड में स्थापित होने वाली औद्योगिक स्मार्ट सिटी प्रदेश की विनिर्माण क्षमता और आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इस पहल से राज्य में निवेश में वृद्धि होगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। NICDP के तहत विकसित की जा रही इस औद्योगिक स्मार्ट सिटी का उद्देश्य बड़े उद्योगों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए निवेश को आकर्षित करना है। यह औद्योगिक इकोसिस्टम 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के विजन का प्रतीक है।
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12 औद्योगिक स्मार्ट शहर
देश के विभिन्न राज्यों के 12 शहरों में ₹28,602 करोड़ की लागत से औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के अनुरूप ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं का उपयोग किया जाएगा। इस दृष्टिकोण के तहत शहरों को उन्नत और टिकाऊ बुनियादी ढांचे से लैस किया जाएगा, जिससे उद्योगों के कुशल संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। इन परियोजनाओं में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे का समावेश होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित करेगा।
लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर होंगे पैदा
औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के व्यापक विकास और परिवर्तन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे आर्थिक और सामाजिक उन्नति को नई दिशा मिलेगी। एनआईसीडीपी से महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें लगभग 1 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियों के साथ-साथ नियोजित औद्योगीकरण के माध्यम से 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा होंगी।
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