चमोली हादसा मामले में बड़ी कार्रवाई, सस्पेंड इंजीनियर समेत 3 गिरफ्तार..
उत्तराखंड पुलिस ने चमोली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जल संस्थान सस्पेंडेड इंजीनियर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हो रहे निर्माण कार्य के दौरान बिजली का करंट लगने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में उत्तराखंड जल संस्थान के हरदेव लाल आर्य पुत्र जतनी लाल निवासी ग्राम इडक बड़कोट जिला उत्तरकाशी (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखंड जल संस्थान गोपेश्वर चमोली), पवन चमोला पुत्र बुद्धि बल्लभ चमोला निवासी ग्राम छैकुडा थराली कुहेड चमोली (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी), महेन्द्र सिंह जयपाल सिंह निवासी ग्राम कुहेड जिला चमोली (लाइनमैन उत्तराखंड विद्युत विभाग) शामिल हैं। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
यह भी पढ़ेंः ब्रेकिंग: ड्राइविंग लाइसेंस और राशनकार्ड बनाना पड़ेगा महगां। बढ़ा यह चार्ज, हर वर्ष होगी बढ़ोतरी..
आला अधिकारियों की भी हो सकती है गिरफ्तारी
चमोली के एसटीपी में घोर लापरवाही करने वाली संचालक कंपनी के अधिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्लांट संचालन की एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) का अध्ययन कर रही है। जल्द ही कंपनी के आला अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इसके लिए पुलिस की तीन टीमें नोएडा, पंजाब और तमिलनाडु में दबिश भी दे रही हैं। आवश्यकता पड़ने पर अन्य टीमों को भी वहां भेजा जा सकता है। पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। मुख्य फोकस हादसे के प्रमुख कारण और लापरवाही करने वालों का पता लगाने पर है। इसके अलावा प्लांट संचालक कंपनी ने अपनी जिम्मेदारियों को कितना निभाया, इसकी भी जांच की जा रही है। एक दिन पहले हादसा होने के बाद भी कंपनी के अधिकारियों ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई, इसका जवाब भी तलाशा जा रहा है। इसके लिए प्लांट का संचालन कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
यह भी पढ़ेंः Petrol Pump पर आपके साथ हो रहा धोखा। आपकी 0.00 पर है नजर, फिर भी होता है खेल। जानें सही तरीका?