बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद,15 क्विंटल फूलों से सजाया गया बद्रीनाथ मंदिर..

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Badrinath Dham Yatra will become plastic free

Badrinath Dham door closed : बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही आज चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया। आज कपाट बंद होने के दिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बद्री विशाल के दर्शन किए। वहीं कपाट बंद होने के मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजाओं के पांचवें दिन शनिवार को रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान किया था। उसके बाद उद्धव जी और कुबेर जी को मंदिर प्रांगण में लाया गया

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दोपहर 3:33 बजे पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए | Badrinath Dham door closed

इसके बाद दोपहर 3:33 बजे पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होने का आमंत्रण दिया गया था। इस दौरान मंदिर में पूजा अर्चना की गई।

इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार | Badrinath Dham door closed

शुक्रवार को धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट और लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की और उन्हें कढ़ाही भोग लगाया। और आज धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, दिनेश डिमरी, श्रीराम डिमरी, विपुल डिमरी, विवेक थपलियाल आदि मौजूद रहे।

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