लापरवाही: एक महीने में ही उखड़ा मोटर मार्ग का डामरीकरण, लोगों में विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश..
ऊखीमठ: एनपीसीसी निर्माणाधीन गैड़ – गडगू मोटर मार्ग पर एक माह पूर्व हुए डामरीकरण के जगह – जगह उखड़ जाने से एक बार फिर विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। मोटर मार्ग पर हुए डामरीकरण के एक माह में ही उखड़ जाने से ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है तथा ग्रामीण कभी भी एनपीसीसी के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य हो सकतें है। बता दे कि 194:02 लाख रूपये की लागत वाले एनपीसीसी के गैड़ – गडगू दो किमी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य 2 मार्च 2019 में शुरू होना था तथा विभागीय मानकों के अनुसार 1 मार्च 2020 को मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होना था मगर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण मोटर मार्ग शुरू से ही विवादों में रहा तथा मोटर मार्ग का निर्माण कार्य कछुवा गति से होने तथा मोटर मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार किये जाने पर ग्रामीण कई बार एनपीसीसी के खिलाफ सड़कों पर उतर कर अपने गुस्से का इजहार कर चुके थे।
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विगत दिनों मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य शुरू होते है जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने मोटर मार्ग पर हो रहे डामरीकरण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किये थे। मोटर मार्ग पर हो रहे डामरीकरण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े उठते ही एनपीसीसी के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि कैमिकल सप्लाई करने वाली कम्पनी ने डामरीकरण में प्रयोग होने वाले कैमिकल को कम गुणवत्ता वाला भेजा है जिसे बदलकर डामरीकरण में मौसम व मदमहेश्वर घाटी के तापमान के अनुसार डामरीकरण में कैमिकल का प्रयोग किया जायेगा। मोटर मार्ग पर एक माह पूर्व हुए डामरीकरण के उखड़ने से एनपीसीसी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण मोटर मार्ग पर एक माह हुआ डामरीकरण उबड़ – खाबड़ में तब्दील होने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग द्वारा मोटर मार्ग पर हुए डामरीकरण में गुणवत्ता को दरकिनार किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता दलवीर सिंह नेगी का कहना है कि यदि समय रहते विभाग द्वारा डामरीकरण की गुणवत्ता में सुधार नहीं लाया गया तो ग्रामीणों को विभाग के खिलाफ आन्दोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा।
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