कोटद्वार बिजली विभाग की मनमानी, SDO ने घरेलू कनेक्शन लगाने के लिए बनाया सवा लाख रूपए का बिल..

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Arbitrariness in Kotdwar electricity department

Arbitrariness in Kotdwar electricity department

उत्तराखंड में अफसरों की मनमानी और घूसखोरी की शिकायत लगातार बढ़ती जा रही है। अफसरों से मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायक खुद ही परेशान हैं। ऐसे में आम जनता का क्या होगा इसे आसानी से समझा जा सकता है। ऐसा ही एक मामला कोटद्वार बिजली विभाग से भी जुड़ा है। यहां एसडीओ पर गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि एसडीओ और जेई की मनमानी से जनता का बुरा हाल है लेकिन शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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जानें क्या है मामला?
पीड़ित सूर्यकांत बड़थ्वाल के मुताबिक कोटद्वार बिजली दफ्तर में नए घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए साल 2022 में आवेदन किया गया। ये कनेक्शन ग्राम पाली तल्ली, लैंसडोन में लगना था। लेकिन दो ब्लॉक के क्षेत्राधिकार के मसले में आवेदन रद्द हुआ, वजह जायज थी।
–दूसरा आवेदन जनवरी 2023 में किया गया। लेकिन अप्रैल महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
–13 अप्रैल 2023 को पीड़ित ने कोटद्वार बिजली विभाग में एक्सईएन नंदिता अग्रवाल से मामले की शिकायत की। अधिकारी ने मामले को समझा। तुरंत SDO रवि अरोड़ा को फटकार लगाते हुए जल्द कार्रवाई करने और नया आवेदन लेने को कहा गया।
–13 अप्रैल 2023 को ही दोबारा 2KW के घरेलू बिजली कनेक्शन का आवेदन भरा गया। इसके कुछ दिन बाद पीड़ित को 1 लाख 24 हजार 897 रुपये का एस्टीमेट बिल चुकाने का कहा गया।
–सवा लाख रुपये का बिल भी टेंपरेरी कनेक्शन के लिए भेजा गया, जबकि आवेदन परमानेंट कनेक्शन के लिए था। क्योंकि भवन निर्माण के 4 कमरे पूरी तरह से बनकर तैयार थे।

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क्या हैं आरोप?
पीड़ित सूर्यकांत बड़थ्वाल का आरोप है कि एक्सईएन नंदिता अग्रवाल से मामले की शिकायत के नाराज होकर ही SDO रवि अरोड़ा ने एस्टीमेट में भारी भरकम रकम लिखी। दोगुने एस्टीमेट वाले घरेलू बिजली कनेक्शन महज 28 हजार रुपये में लगाए गए। लेकिन पीड़ित से बदला लेने की नीयत से सवा लाख का बिल भेजा गया। आरोप है कि SDO रवि अरोड़ा और JE कमल रावत ने घूस लेकर उन्हें भी कनेक्शन दिए जिनके पास बिजली मीटर लगाने तक की जगह नहीं थी। NH-534 पर ही खुलेआम चीड़ के पेड़ पर करीब 4 महीने तक बिजली का मीटर टंगा रहा और मकान का निर्माण कार्य जारी रहा। प्रार्थी के नए आवास के 4 कमरे बनकर बिल्कुल तैयार थे। सबूत देने के वावजूद कनेक्शन नहीं लगाया गया। आरोप ये भी है कि बिजली विभाग ने होटलों में घरेलू बिजली कनेक्शन घूस लेकर लगाए हैं, जबकि आवासीय परिसर में बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया।

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अब तक की कार्रवाई?
प्रार्थी का नया आवास दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे विकास योजना 2018 के तहत आता है। 18 अक्टूबर 2023 को पौड़ी जिले की मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे ने मामले का संज्ञान लिया। एक्सईएन नंदिता अग्रवाल से बिजली कनेक्शन देने और समस्या के निपटारे का निर्देश दिया।
मामला अप्रैल 2023 का तो अब शिकायत क्यों?
पीड़ित सूर्यकांत बड़थ्वाल का कहना है कि एक बार 13 अप्रैल 2023 में मामले की शिकायत एक्सईएन नंदिता अग्रवाल से की तो SDO ने एस्टीमेट को जानबूझकर बढ़ाकर सवा लाख का बिल भेज दिया। लेकिन वक्त बीतने के बाद हिम्मत आई। सही अधिकारी तक पहुंच हुई। तो 18 अक्टूबर 2023 को CDO के पास इंसाफ की गुहार लगाई मकसद साफ है कि अब चाहे बिजली का कनेक्शन मिले या ना मिले। घर में रौशनी हो या ना हो। लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि फिर किसी दूसरे ग्रामीण क्षेत्र में ये मामले सामने ना आएं।

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