उत्तराखंड: 10 करोड़ जुर्माने और उमक्रैद पर अटका नकलरोधी कानून, कुछ विभागों ने जताई आपत्ति..

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anti copycat law. Hillvani News

धामी सरकार बेशक सख्त नकलरोधी कानून बनाने जा रही है, लेकिन कानून का मसौदा पिछले करीब छह माह से भारी जुर्माने और उम्रकैद पर अटका हुआ है। सीएम धामी के इस कानून को जल्द लागू करने की घोषणा के बाद अब शासन में तेजी से विभागों के बीच फाइल दौड़ रही है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय व अन्य भर्तियों के पेपर लीक होने के बाद जुलाई में सख्त नकलरोधी कानून बनाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था। प्रस्ताव पर गौर करते हुए शासन ने सभी आयोगों के लिए कानून को लागू करने की तैयारी की। इसके लिए कार्मिक विभाग ने ड्राफ्ट तैयार करना शुरू कर दिया।

बीते दिनों इस ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए बैठक हुई, जिसमें कुछ विभागों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि किसी व्यक्ति विशेष या फिर किसी छोटी संस्था पर दस करोड़ का जुर्माना काफी अधिक है। निश्चित तौर पर सरकार नकल माफिया के बीच डर पैदा करने के लिए सख्त कानून लाना चाहती है, लेकिन जुर्माने की रकम में कुछ संशोधन किया जा सकता है। इसी प्रकार, उम्रकैद को लेकर भी कुछ अधिकारी अंदरखाने ऐतराज जता रहे हैं। उनका कहना है कि उम्रकैद के बजाए सजा के और प्रावधान भी रखे जा सकते हैं। हालांकि सरकार नए कानून में प्रमुखता से उम्रकैद को शामिल करने पर जोर दे रही है।

इस बात पर भी विभागों में दो राय
ड्राफ्ट में ये प्रावधान किए गए हैं कि अगर किसी व्यक्ति या संस्था की वजह से पेपर लीक होता है तो उस पर दस करोड़ जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी प्रकार, अगर कोई छात्र पेपर लीक में शामिल पाया जाता है तो उस पर पांच से दस लाख का जुर्माना और इतने ही साल की सजा के प्रावधान पर भी आपत्ति है।
कई राज्यों के कानूनों का अध्ययन
सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून लागू करने के लिए कार्मिक विभाग कई राज्यों के कानूनों का अध्ययन कर रहा है। विधि विभाग से भी ड्राफ्ट पर परामर्श लिया जा रहा है।

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