गुप्तकाशी से केदारनाथ तक 15 अगस्त से शुरू होगी एक अनूठी पहल। भागीदार बनें, जानें क्या है पहल?
केदारनाथ यात्रा को गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम तक प्लास्टिक उन्मूलन क्षेत्र घोषित करने के लिए जिला व तहसील प्रशासन आगामी 15 अगस्त को आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर से एक अनूठी पहल शुरू करने का रहा है। जिसमें तहसील प्रशासन स्तर से स्थानीय व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों व जीप टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों व हैदराबाद की एक संस्था से सभी औपचारिकता पूरी कर ली गयी है। यदि भविष्य में यह प्रयास सफल रहा तो गुप्तकाशी से केदारनाथ यात्रा का सम्पूर्ण भूभाग प्लास्टिक बिहीन हो जायेगा जिससे पर्यावरण का संतुलन यथावत रहने के साथ यात्रा व्यवस्थाओं में लगे मजदूरों की अतिरिक्त आय भी अर्जित होगी। जिला, तहसील प्रशासन व संस्था द्वारा प्लास्टिक पेय पदार्थों की बिक्री पर क्यू आर कोड लागू करने का निर्णय लिया गया है तथा प्लास्टिक की खाली बोतल वापस देने पर दस रूपये वापस लेने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संस्था की ओर से क्यू आर कोड लागू कर दिया गया है तथा गुप्तकाशी से केदारनाथ तक 265 व्यापारियों को क्यू आर कोड आवंटित किये गये है तथा प्लास्टिक की खाली बोतलें वापस करने के लिए गुप्तकाशी से केदारनाथ तक 14 सेन्टर बनाये गये है जिनमें तीर्थ यात्री, सैलानी, मजदूर प्लास्टिक की खाली बोतलें जमा कर प्रति बोतल दस रूपये वापस ले सकता है।
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प्रशासन व संस्था द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्लोगन लिखकर तीर्थ यात्रियों व आमजनता को जागरूक भी किया जा रहा है। केदारनाथ यात्रा के बाद तहसील प्रशासन व संस्था द्वारा तुंगनाथ यात्रा के सभी यात्रा पडा़वों, मदमहेश्वर यात्रा तथा कालीमठ सहित अन्य तीर्थ व पर्यटक स्थलों में भी व्यापारियों को क्यूआर कोड लागू करने पर विचार किया जा सकता है। जिला, तहसील प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, होटल एसोसिएशन, जीप टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों व संस्था के प्रयास यदि सार्थक सिद्ध हुए तो भविष्य में सभी तीर्थ स्थलों का पर्यावरण संतुलन यथावत रहने तथा तीर्थ यात्रियों, सैलानियों को कुछ नया सीखने के साथ युवा पीढ़ी भी प्रशासन व संस्था के प्रयासों से प्रेरणा लेगी। मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन की पहल पर तहसील प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम की यात्रा को प्लास्टिक उन्मूलन क्षेत्र घोषित करने के लिए हैदराबाद की संस्था रिसाइकल संस्था से पांच वर्ष का अनुबन्ध किया है। संस्था की ओर से पेय पदार्थों की बिक्री पर 265 व्यापारियों को क्यूआर कोड लागू किया गया है तथा प्लास्टिक की बोतलों को जमा करने के लिए गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम तक 14 सेन्टर बनाये गये है जिनमें संस्था की तरफ से 15 तथा तहसील प्रशासन की तरफ से 5 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। किसी भी सेन्टर में तीर्थ यात्री, सैलानी, व्यापारी या मजदूर प्लास्टिक की खाली बोतल जमाकर प्रति बोतल दस रूपये वापस पा सकता है।
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संस्था के अनुसार आने वाले दिनों में गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम तक एक हजार व्यापारियों को क्यूआर कोड आवंटित किये जायेंगे। तहसील प्रशासन व संस्था की ओर से विभिन्न स्थानों पर होल्डिंग लगाकर अपने केदारनाथ जी, अपने जिम्मेदारी। केदारनाथ की यात्रा भक्ति से भरे, प्लास्टिक से नहीं। जैसे स्लोगनो से तीर्थ यात्रियों व सैलानियों को जागरूक किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा का कहना है कि जिला, तहसील प्रशासन व संस्था का मुख्य उद्देश्य केदारनाथ धाम की यात्रा को गुप्तकाशी से लेकर केदारनाथ धाम तक प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्र बनाना है तथा इस मुहिम में जनप्रतिनिधियों, होटल ऐसोसिएशन, केदार घाटी के समस्त जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, जीप टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों व जनमानस का सहयोग निरन्तर मिलता जा रहा है तथा सभी के अथक प्रयासों से यह मिशन सफल हो सकता है। रिसाइकल संस्था की मैनेजर कल्पना पंवार का कहना है कि संस्था द्वारा 5 मई से यह अभियान केदार पुरी में शुरू किया गया था तथा जिला, तहसील प्रशासन के साथ केदार घाटी के सभी जनमानस के सहयोग से यह अभियान अब गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम तक शुरू किया जा रहा है तथा आने वाले समय में अन्य तीर्थ व पर्यटक स्थलों में भी इस अभियान को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
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