देहरादून में खतरनाक लंपी वायरस की दस्तक, दुधारु पशुओं के लिए है घातक। क्या इंसान होंगे प्रभावित?
लोग पहले ही कोरोना और मंकीपॉक्स जैसे इंफेक्शन को लेकर खौफ में हैं। ऐसे में एक और नए वायरस को लेकर टेंशन बढ़ गई है। दुधारु पशुओं के लिए बेहद खतरनाक लंपी वायरस ने देहरादून जिले में भी दस्तक दे दी है। तीन गायों में बीमारी की पुष्टि के बाद यहां बुधवार को चार और पशु संदिग्ध मिले हैं। पशुपालन विभाग एहतियातन बीमारी की रोकथाम में जुटा गया हैं। हरिद्वार में इसी माह 36 पशुओं की लंपी वायरस के संक्रमण से मौत हो गई थी, जबकि 1305 पशु बीमारी से प्रभावित मिले। अब देहरादून में भी केस आने लगे हैं। बुधवार को बालावाला निवासी पशुपालक अनिल चमोली ने अपनी एक गाय के शरीर पर गांठें बनने की शिकायत पशु चिकित्सालय में की। मौके पर पहुंची टीम ने गोशाला का निरीक्षण किया और एक गाय को संदिग्ध पाया। पशु चिकित्सक डॉ. भूपेंद्र बिष्ट ने बताया की गायों के सैपल लिए गए हैं। जांच में बीमारी की पुष्टि होने पर ट्रीटमेंट किया जाएगा। बताया कि बुधवार को नत्थूवाला, मालचंद चौक में तीन पशुओं में ऐसे ही लक्षण पाए गए हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार, 12 अगस्त को गुजराड़ा सहसपुर, जटोवाला विकासनगर और वार्ड-100 नगर निगम देहरादून में तीन गायों में लंपी वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
यह भी पढ़ेंः आयोग रद्द भी कर सकता है परीक्षा, पुलिस रिपोर्ट से होगा तय। CM धामी ने बनाया एक्शन प्लान..
क्या है लंपी वायरस
ये कोरोना के जैसे ही वायरल बीमारी है। जो एक पशु से दूसरे में फैलती है। मच्छर, मक्खियों से इसके फैलने की अधिक आशंका है। वहीं, एक दूसरे का झूठा पानी पीने और चारा खाने से भी पशु इससे संक्रमित हो जाते हैं।
रोकथाम के तरीके
पशुओं को एक दूसरे से दूर-दूर रखें, गौशाला में साफ सफाई का ध्यान दें, मच्छर-मक्खी न पनपने दें, पशुओं की नियमित देखभाल करें।
बीमारी के लक्षण
शरीर पर गांठ या घाव बनना, तेज बुखार आना, संक्रमित पशु का खाना छोड़ देना, गांठ या घाव से पस निकलना।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में आज से अगले चार दिन बारिश का येलो अलर्ट जारी..
क्या इंसानों में फैल सकती है यह बीमारी?
लंपी स्किन डिजीज वायरस पशुओं में फैलने वाली बीमारी है। यह गाय, भैंस, बकरी और भेड़ में तेजी से फैल सकती है। अगर इंसानों की बात करें तो उनमें यह बीमारी फैलने का खतरा न के बराबर है। हालांकि पशुओं को छूने के बाद सभी लोगों को साबुन से अच्छी तरह हाथ धो लेने चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि अपने पशुओं को इस संक्रमण से बचाया जा सके। इंसानों को भी सावधानी बरतनी चाहिए। पशुओं को समय पर वैक्सीन लगवाकर इस डिजीज का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः Paper Leak मामले में विधायक के भाई के मैनेजर को STF ने हिरासत में लिया, आया DGP का बयान..