तिरंगे को लेकर सियासत! भाजपा कौन होती है देशभक्ति का पैमाना नापने वाली?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के झंडा फहराने को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। जिसको लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के घरों में झंडा फहराने के बयान पर विपक्ष ने उन पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सवाल करते हुए कहा कि किसी की देश भक्ति का पैमाना नापने वाली भाजपा कौन होती है। पूर्व सीएम ने कहा कि यदि तिरंगा झंडा घर पर फहराना ही राष्ट्रभक्ति कहलाती है तो फिर उनके निकटवर्ती तो कई लोग व संगठन रहे हैं, जिन्होंने तिरंगा वर्षों तक नहीं फहराया। शायद इसके लिए वह आज भी संकोच करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देश में 42 करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे हैं। 50 करोड़ से अधिक ऐसे हैं, जिनके लिए हर दिन की रोटी जुटाने का सवाल है। इस संख्या में 37 करोड़ लोग तो भाजपा के शासनकाल में पिछले साढ़े सात वर्षों में गरीबी की रेखा से नीचे गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के लोगों के पास कहां से झंडा और डंडा खरीदने के लिए पैसा आएगा।
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संघ ने अपने कार्यालय में 51 साल तक झंडा नहीं फहराया: माहरा
मापदंड ऐसे नहीं बनाए जाने चाहिए जिसको कूदने में आपके किसी नागरिक को कठिनाई हो। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि संघ ने अपने कार्यालय में 51 साल तक झंडा नहीं फहराया। तीन लड़कों ने जब उनके कार्यालय में झंडा फहराया तो उन लड़कों को इस पर 2013 तक मुकदमा झेलना पड़ा। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान बचकाना है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिए। पहाड़ में अधिकतर लोग तिरंगा नहीं लगा पाए हैं क्योंकि भाजपा कार्यकाल में उनकी आर्थिकी में गिरावट आई है। पहाड़ में तमाम लोग देश से प्रेम करते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को तिरंगा न लगाने वालों के बारे में पता लगाना है तो उन्हें नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय में हैं। वहां जाकर इस बारे में पता करना चाहिए।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हल्द्वानी दौरे के दौरान एक बड़ा बयान देते हुए कहा था कि जिस घर में तिरंगा लहराता हुआ नहीं दिखाई देता है तो वह घर की तरफ विश्वास की नजर से नहीं देखा जाएगा। उनके इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। अभी तक नेता की तरफ से कोई सफाई तो पेश नहीं की गई है, लेकिन इस बयान का ज्यादा लोग स्वागत नहीं कर रहे। वैसे इससे पहले भी इस अभियान को लेकर कुछ विवादित बयान देखने को मिले हैं। साथ ही आपको बता दें कि एक तरफ भाजपा हर घर तिरंगा अभियान चला रही है तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस भारत जोड़ो तिरंगा यात्रा निकाल रही है। तिरंगे पर भी यहां राजनीति होने लगे, ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही संभव है, जो बेहद अफ़सोसजनक है।
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