UKSSSC भर्ती घोटाला: खुल रहे कई राज! STF जिसे तलब करने की तैयारी में थी वह गया बैंकॉक…
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के मामले में एसटीएफ के रडार पर आया जिला पंचायत सदस्य विदेश चला गया है। एसटीएफ उसे मास्टरमाइंड मान रही है। पूर्व के कुछ भर्ती घपलों में भी उसका नाम आ चुका है। एसटीएफ उसके खिलाफ घपले से संबंधित साक्ष्य जुटा रही है। जांच में संलिप्तता व पुख्ता साक्ष्य मिलने पर एसटीएफ एफआईआर में उसका भी नाम जोड़कर कड़ा शिकंजा कस सकती है। एसटीएफ सूत्रों के अनुसार इस मामले में उक्त जिला पंचायत सदस्य की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर उभर कर सामने आ रही है। इस प्रकरण में एसटीएफ उसे तलब करने की तैयारी कर रही थी। इस बीच वह विदेश चला गया है। एसटीएफ सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि उक्त संदिग्ध दो माह के टूरिस्ट वीजा पर विदेश गया है। उक्त जिला पंचायत सदस्य का नाम पूर्व की भर्तियों में भी सामने आ चुका है। पूर्व में आयोजित आयोग भर्तियों में उसके कई परिजन चयनित हो चुके हैं।
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जनप्रतिनिधि बोला- निजी काम से आया बैंकॉक
जिस जनप्रतिनिधि का नाम इस मामले में सामने आ रहा है, उन्होंने शुक्रवार को मीडिया को बयान दिया है। उनका कहना है कि वह विदेश भागकर नहीं आया हैं बल्कि निजी काम के लिए बैंकॉक में हैं। उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। जनप्रतिनिधि ने खुद को फंसाने की बात भी कही।
सौ से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां संभव
यूकेएसएससी पेपर लीक में रिकार्ड सौ से ज्यादा गिरफ्तारियां हो सकती हैं। गिरफ्तारी होने पर रैकेट से जुड़े आरोपियों को जेल जाना होगा। एसटीएफ अफसरों का कहना है कि अभी उन आरोपियों के भूमिका की जांच की जा रही है, जो पेपरलीक कर बेचने में शामिल रहे। इनकी संख्या 13 पहुंच गई है। जल्द यह संख्या 25 के पार पहुंच सकती है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह का कहना है कि पुलिस जांच के दायरे में आ रहे आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई करेगी। आरोपियों की संख्या 100 के पार जा सकती है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने कहा, ‘पेपरलीक मामले में कुछ सफेदपोशों की भी भूमिका अहम होने की जानकारी मिली है। साक्ष्य के आधार पर ऐसे सफेदपोशों की कुंडली खंगाली जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित सफेदपोशों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’
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चार और परीक्षाओं में आ रही धांधली की बात
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की परीक्षा में पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई और परीक्षाओं में भी नकल की बात सामने आई है। हालांकि, मामले पुराने होने के चलते पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बताया जा रहा है कि हाल में गिरफ्तार किए गए कोर्ट के कर्मचारी भी संदेह के घेरे में हैं। दरअसल, पेपर लीक मामले में जिस दिन से गिरफ्तारियां शुरू हुई हैं, रोज नई-नई बातें सामने आई हैं। पहले करीब 27 ऐसे अभ्यर्थियों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने नकल करके विभिन्न परीक्षाएं पास की और नौकरी हासिल की। सूत्रों के अनुसार अब कोर्ट के कर्मचारियों ने भी एसटीएफ के सामने नकल की बात स्वीकारी है। बताया जा रहा है कि वह खुद परीक्षाओं में नकल से ही पास हुए हैं। यही नहीं कई कर्मचारियों के पास पर्याप्त अर्हता भी नहीं है।
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सूत्रों के अनुसार यदि जांच हुई तो प्रदेश के कई बड़े दफ्तरों से ऐसे कर्मचारी गायब हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन्होंने हरिद्वार के कुछ नकल माफिया के साथ मिलकर चार परीक्षाओं में पेपर लीक कराए थे। ये परीक्षाएं बीते कुछ वर्षों में ही हुई हैं। नकल माफिया में से कुछ पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाइयां भी की गई हैं। हालांकि, पूछताछ के आधार पर एसटीएफ इन आरोपियों तक पहुंच पाती है या साक्ष्य मिलते हैं या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
सेवानिवृत्त कर्मियों का भी हो सकता है हाथ
वहीं बताया जा रहा है कि यदि नकल मफिया पकड़े जाते हैं तो कई बड़े नाम और सामने आएंगे। विभाग के अंदर सेवानिवृत्त कर्मचारी और अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत की बात सामने आ रही है। हालांकि अभी तक इनके खिलाफ भी पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं।
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मनोज जोशी से मिले कई अहम दस्तावेज
पेपर लीक मामले में रिमांड पर लिए गए मनोज जोशी की निशानदेही से कई दस्तावेज हासिल किए गए हैं। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मनोज जोशी निवासी मयोली, दनिया, जिला अल्मोड़ा को शुक्रवार को एक दिन की रिमांड पर लिया गया। जोशी आयोग में पीआरडी के जरिये काम कर चुका है। पेपर लीक के वक्त आयोग को तकनीकी सहयोग देने वाली कंपनी से जुड़ा था। पेपर आयोग के अंदर से निकालने वाले जयजीत दास से मनोज जोशी पहले से संपर्क में रहा है। मनोज जोशी से एसटीएफ ने ये तथ्य जुटाए कि पेपर कहां-कहां बेचा गया।
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