मुख्यमंत्री धामी ने पलायन आयोग का नाम बदला, कमेटी बनाकर दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड से बड़ी खबर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलायन आयोग का नाम बदल दिया है। सीएम ने पलायन आयोग का नाम अब पलायन निवारण आयोग कर दिया। सीएम ने आयोग की संस्तुतियों के क्रियान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी कर दी है। आज शुक्रवार को ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के उद्देश्य से बने इस आयोग का नाम पलायन निवारण आयोग रखा जाए। इस दौरान सीएम ने आयोग की सिफारिशों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में एक Insta बनाने के निर्देश भी दिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक ग्राम एक सेवक की अवधारणा पर कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग तब तक किस-किस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, उन क्षेत्रों में कार्ययोजना के साथ ही कार्य एवं उपलब्धि धरातल पर दिखे, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। किसी भी बैठक का आउटपुट आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट के माध्यम से जो सुझाव दिये जा रहे हैं, उन सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा ठोस कार्ययोजनाएं बनाई जाए।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए गांवों पर केन्द्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। आपको बता दें कि 16 सितम्बर 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया था। यह आयोग अभी तक 18 रिपोर्ट सरकार को सौंप चुका है। बीते पांच साल में इन रिपोर्ट का क्रियान्वयन भी नहीं हो पाया।
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