मनणामाई लोकजात यात्रा द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए पहुंची थौली..

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Mannamai Lokjat Yatra. Hillvani News

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छ: माह सुरम्य मखमली बुग्यालों में प्रवास करने वाले भेड़ पालकों की अराध्य देवी मनणामाई की लोकजात यात्रा द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए थौली पहुंच गयी है। शनिवार को मनणामाई की लोकजात यात्रा मनणा धाम पहुंचेगी। मनणा धाम मदमहेश्वर घाटी के रासी गाँव से लगभग 39 किमी दूर चौखम्बा की तलहटी तथा पतित पावनी मदानी नदी के किनारे बसा है। इस तीर्थ में भगवती ने महिषासुर दैत्य का वध किया था तथा जगत कल्याण के लिए इसी स्थान पर तपस्यारत होने से यह तीर्थ मनणामाई के नाम से विख्यात हुआ। लोकजात यात्रा में अभी तक तीन दर्जन श्रद्धालु शामिल हो चुकें हैं। 26 जुलाई को मनणामाई की लोकजात यात्रा के राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचने पर लोकजात यात्रा का समापन होगा।

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शुक्रवार को सनियारा में ब्रह्म बेला पर भगवती मनणामाई के पुजारी मानवेन्द्र भटट् ने पंचाग पूजन के तहत भगवती मनणामाई सहित सभी देवी-देवताओं का आवाहन किया तथा आरती उतार कर आशीर्वाद लिया। ठीक सात बजे भगवती मनणामाई की लोकजात यात्रा अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई तो लोकजात यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की जयकारों से सम्पूर्ण भूभाग गुजायमान हो उठा। भगवती मनणामाई की लोकजात यात्रा कण्डारा गुफा, पटूडी होते हुए देर सांय द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए थौली पहुंच गयी है। लोकजात यात्रा में शामिल शिक्षाविद रवीन्द्र भटट् ने बताया कि लोकजात यात्रा में शामिल सभी भक्तों में भारी उत्साह बना हुआ है।

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लोकजात यात्रा में शामिल शिशुपाल नेगी, अनसोया पंवार ने बताया कि लोकजात यात्रा में शामिल होने से अपार आनन्द की अनुभूति हो रही है। लोकजात यात्रा में शामिल देवेन्द्र पंवार, रितिक नेगी व जितेन्द्र भटट् ने बताया कि पटूडी से थौली तक के भूभाग में अनेक प्रजाति के रंग-बिरंगे पुष्प खिलने से यहाँ साक्षात् स्वर्ग का एहसास हो रहा है। मुकेश नेगी, दीपक भटट्, नवीन रावत, देवेन्द्र पंवार ने बताया कि प्रकृति का सानिध्य मिलने से हर एक का मन प्रफुल्लित हो रहा है। जितेन्द्र भटट् ने बताया कि लोकजात यात्रा में रासी, बुरूवा, मनसूना, गुप्तकाशी, अगस्तमुनि, रामपुर व तिलवाड़ा के श्रद्धालु शामिल है।

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