पहाड़ की हकीकतः तड़पती रही गर्भवती और नवजात ने तोड़ा दम, 2 घंटे बाद पहुंचा हेलीकाप्टर..
पिथौरागढ़ः आपदा काल में दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के बचाव एवं राहत के लिए पहुंचा हेलीकॉप्टर प्रसूता के लिए मददगार साबित नहीं हो सका। सुविधाविहीन गांव में गर्भवती घंटों तक तड़पती रही। दस मिनट में पहुंचने वाला हेलीकॉप्टर सवा दो घंटे बाद पहुंचा। लगभग पौने दो घंटे तड़पती गर्भवती ने बच्चे को जन्म दिया। पर समय से इलाज न मिलने पर उसकी सांसे टूट गई। बच्चे की खुशी पल भर न ठहर सकी, परिवार गम में डूब गया। प्रदेश की कागजी स्वास्थ्य व्यवस्था की यही कड़वी सच्चाई है। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी की ग्राम पंचायत पांतू (पातों) रालम वैली में स्थित अति दुर्गम गांव है। इस गांव तक पहुंचने वाला मिलम मार्ग धापा में तीन दिन से बंद है। गांव तहसील मुनस्यारी से लगभग 18 किमी की दूरी पर है। गांव निवासी लक्ष्मी देवी पत्नी श्याम सिंह को प्रसव पीड़ा होने लगी। प्रसव पीड़ा बढ़ती गई। यह गांव माइग्रेशन वाला गांव है।
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महिला ने खेत में बच्चे को दिया जन्म
आपको बता दें कि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी की ग्राम पंचायत पातों में हेलिकॉप्टर के समय पर नहीं पहुंचने से महिला ने खेत में ही बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद हेलिकॉप्टर महिला को लेकर पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचा, जहां महिला का इलाज चल रहा है। मुनस्यारी ब्लॉक के पातों गांव निवासी लक्ष्मी देवी (25) पत्नी श्याम सिंह दरियाल को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर लोगों ने विधायक को फोन पर मामले की जानकारी दी। विधायक हरीश धामी ने प्रशासन को फोन किया जिसके बाद हेलिकॉप्टर को पांतू (पातों)गांव भेजा गया। इधर महिला की पीड़ा बढ़ने लगी और उसने खेत में बच्चे को जन्म दे दिया।
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हेलीकॉप्टर सवा दो घंटे बाद पातों गांव पहुंचा
लगभग दस बजे मुनस्यारी के जनप्रतिनिधियों और जागरूक लोगों ने प्रशासन को स्थिति से अवगत कराया। धारचूला से पातों तक हेलीकॉप्टर को पहुंचने में मात्र दस मिनट का समय लगता है। आपातकालीन स्थिति होने के बाद भी हेलीकॉप्टर सवा दो घंटे बाद पांतू (पातों) गांव पहुंचा। इस दौरान गर्भवती तड़पती रही और दोपहर बारह बजे बच्चे को जन्म दिया। पर हेलीकाप्टर के पहुंचने से पूर्व ही नवजात की सांस थम गई। ग्रामीण बताते हैं कि बारह बजे पास हेलीकॉप्टर पातों में नजर आया और चक्कर लगाता रहा। इसके बाद ग्रामीण डोली से प्रसूता और नवजात को लेकर प्राथमिक विद्यालय को रवाना हुए। नवजात ने वहां पहुंचने से पूर्व दम तोड़ दिया। लोगों का कहना है कि समय से अस्पताल पहुंच जाता तो नवजात की जान बच जाती। बाद में हेलीकॉप्टर प्रसूता को उपचार के लिए जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ लेकर आया। पर दुनिया में पलभर को आए नवजात ने प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते दम तोड़ दिया।
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घटना को लेकर क्षेत्र की जनता में रोष व्याप्त
आशा कार्यकर्ता खीला देवी ने बताया कि गर्भ में बच्चा उल्टा फंस गया था जिसे मुश्किल से निकाला गया। करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ मौके पर पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत करार दे दिया। इसके बाद हेली से महिला को पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की हालत में अब सुधार है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया का कहना है कि अगर हेलिकॉप्टर समय पर पहुंच जाता तो नवजात की जान बच जाती। इधर एसडीएम धारचूला नंदन कुमार का कहना है कि हेलिकॉप्टर के पायलट को वेदर क्लीयरेंस मिलने में थोड़ा समय लगा। हालांकि हेली समय से पहुंच गया था। बच्चा मृत ही पैदा हुआ था। वहीं परिजनों और जिला पंचायत सदस्य के मुताबिक हेलिकॉप्टर करीब दो घंटे देरी से पहुंचा।
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सूचना के बाद भी समय पर हेलीकॉप्टर के न पहुंचने की जांच की मांग
समय से हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचने की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। जिला पंचायत सदस्य मुनस्यारी जगत मर्तोलिया ने कहा है कि हेलीकॉप्टर प्रबंधन पर नई व्यवस्था नहीं बनाई गई तो जिला प्रशासन के खिलाफ धरना दिया जाएगा। कहा कि जिला प्रशासन को जवाब देना चाहिए कि हेलीकॉप्टर किस प्रयोजन के लिए आया है। हेली सेवा मुनस्यारी के लिए नहीं है तो इसे भी प्रशासन स्पष्ट करे।
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