उत्तराखंडः क्या आपका EPF हो रहा है जमा? कई सरकारी विभागों-निकायों को नोटिस, जानें वजह..
संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान जमा नहीं करने पर क्षेत्रीय ईपीएफओ आयुक्त देहरादून ने केंद्र और राज्य सरकार के सैकड़ों सरकारी विभागों समेत कई कंपनियों को नोटिस जारी किया है। केंद्र सरकार के बड़े विभागों में इंदिरा गांधी नेशनल फारेस्ट एकेडमी, एलआईसी, देहरादून कैंट बोर्ड, आईटीबीपी आदि शामिल हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय ने भी बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि सरकारी विभागों और कंपनियों को नोटिस जारी कर एक निश्चित फॉर्मेट में कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है। प्रदेश में किन किन विभागों को नोटिस जारी हुआ है देखें सबसे नीचे....
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कई विभागों से मिल रही थी शिकायत
क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि सरकारी विभागों में थर्ड पार्टी एजेंसी या खुद के जरिये आउटसोर्स या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखे जा रहे हैं। इनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर अफसर तक शामिल हैं। कई विभागों की शिकायत मिल रही है कि वहां तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों का पीएफ नहीं कट रहा है। किसी का पीएफ कट रहा है, लेकिन कॉन्ट्रेक्टर या एजेंसियां जमा नहीं कर रही हैं। कर्मचारियों की संख्या में हेराफेरी की भी शिकायतें मिल रही हैं। लिहाजा ऐसे सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मचारियों और एजेंसियों का विवरण एवं पीएफ नंबर मांगा गया है। इसके बाद विभागों और एजेंसियों के डाटा का मिलान किया जाएगा, गलत रिपोर्ट या गड़बड़ी मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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25 हजार के करीब कर्मचारियों को लाभ न मिलने का अंदेशा
ईपीएफओ का अनुमान है कि गढ़वाल मंडल में करीब 20 से 25 हजार ऐसे आउटसोर्स कर्मचारी हो सकते हैं, जिन्हें विभागों की लापरवाही और एजेंसियों की मनमानी के कारण पीएफ का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कुमाऊं में कंपनियों पर सख्ती की तैयारी
ईपीएफओ ने कुमाऊं मंडल के सरकारी विभागों और कम्पनियों पर भी सख्ती की तैयारी कर रही है। संस्थानों में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को ईपीएफओ से जोड़ने के लिए लगातार पहल हो रही है। ताकि कर्मचारियों को सुविधाओं का लाभ मिल सके। जानकारी के अनुसार ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से बीते कुछ दिनों में 30 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को इस मामले में पत्र जारी किए हैं। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आदित्य साह ने बताया कि कर्मचारियों को जोड़ने के लिए प्रयास निरंतर जारी है।
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केंद्र सरकार के इन विभागों को नोटिस
आधार कार्ड सेंटर, एयरफोर्स सिलेक्शन बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड, सीजीएचएस, कैंट बोर्ड, एफआरआई, सर्वे ऑफ इंडिया, पोस्ट ऑफिस, प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस, जीआईएस टेक्नोलॉजी सेंटर, आईटीबीपी, ओएनजीसी, एनएचपीसी लिमिटेड, बीआरओ, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज, पावरग्रिड कारपोरेशन, टीएचडीसी, बीएसएनएल, आईआईटी रुड़की, प्रोजेक्ट डिवीजन, आईओसी, भेल, एम्स ऋषिकेश, भारतीय वन्यजीव संस्थान, एनआईबीएच, रेल विकास निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, बीपीसीएल, सीबीआरआई रुड़की, एनबीसीसी आदि।
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राज्य सरकार के इन विभागों को भेजा नोटिस
आरटीओ, उत्तराखंड सचिवालय, उद्योग निदेशालय, जिलाधिकारी कार्यालय, शिक्षा विभाग, सेवायोजन कार्यालय, मत्स्य पालन, होमगार्ड, सिंचाई विभाग, खाद्य विभाग, उत्तराखंड लोकायुक्त कार्यालय, एमडीडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सूचना भवन, राज्य निर्वाचन आयोग, परिवहन विभाग, यूपी राजकीय निर्माण निगम, राज्य विद्युत नियामक आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, जलसंस्थान, उत्तराखंड जलविद्युत निगम, मेट्रो रेल कारपोरेशन, पेयजल निगम, यूपीसीएल, यूसेक, जैव विविधता बोर्ड, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, परिवहन निदेशालय, वन विभाग, जलसंस्थान, परिवहन निगम, विजिलेंस, जलागम परियोजना, जिला सैनिक बोर्ड, उत्तराखंड सिविल एविएशन, राजाजी टाइगर रिजर्व।
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इन बैंकों और निजी कंपनियों को नोटिस
इलाहाबाद बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, ओबेराय मोटर्स, रिलायंस जियो, ब्रिज एंड रूफ कंपनी, हरिद्वार नेचुरल गैस लिमिटेड, श्री सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट आदि।
क्षेत्रीय आयुक्त ईपीएफओ देहरादून विश्वजीत सागर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों, दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के ईपीएफ में कटौती के साथ ही उसे ईपीएफओ में नहीं जमा कराया जा रहा है। ऐसे में प्रिंसिपल एंपलॉयर की जिम्मेदारी बनती है कि वह जिस कंपनी के जरिये कर्मचारियों की नियुक्ति कराते हैं, उसके जरिये ना सिर्फ ईपीएफ जमा कराएं बल्कि इसकी जानकारी भी दें। इसीलिए तमाम सरकारी विभागों के साथ ही कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है।
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