उत्तराखंडः राजकीय कार्मिकों के अवकाश को लेकर आदेश जारी, मानसून सीजन में नहीं मिलेगी छुट्टी। जानें क्यो?
उत्तराखंड राज्य में मानसून ने दस्तक दे दी है मानसून के दस्तक के बाद से ही उत्तराखंड राज्य के मैदानी जिलों समेत पर्वतीय जिलों में भारी बारिश देखी जा रही है। मौसम विभाग ने आने वाले अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है। जिसे देखते हुए उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने अगले 3 महीने तक यानी 4 जुलाई से 30 सितंबर तक सभी राजकीय कार्मिकों की छुट्टियों को निरस्त कर दिया है। साथ ही इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए हैं कि इस मानसून सीजन के दौरान किसी भी राजकीय कार्मिकों की अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। आदेश सबसे नीचे पढ़ें…
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मुख्य सचिव एसएस संधू की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील है और मानसून अवधि में राज्य में अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन बादल फटने आदि प्राकृतिक आपदाओं से राज्य के कुछ जिले अत्यधिक प्रभावित होते हैं। जिससे राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त होता है तथा शासकीय एवं निजी परिसम्पत्तियों, जनहानि पशुहानि एवं कृषि योग्य भूमि आदि की क्षति होती है। इस स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराना एवं राहत सामग्री वितरण एवं विद्युत, पेयजल परिवहन आदि को सुचारू करने में शासकीय अधिकारियों/ कार्मिकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
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शासन स्तर पर मानसून की तैयारियों से सम्बन्धित समीक्षा बैठक में यह बात संज्ञान में आयी है कि अधिकारी/ कर्मचारी अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से लम्बी अवधि का अवकाश स्वीकृत कराते हुए अवकाश के उपभोग के लिए प्रस्थान कर जाते हैं, जिससे मानसून अवधि में बचाव एवं राहत कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होता है। जिसके चलते शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है कि मानसून अवधि (वर्तमान से दिनांक 30 सितम्बर, 2022 तक) में किसी विपरीत परिस्थितियों को छोड़ते हुए किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत न किया जाए। यदि अपरिहार्य परिस्थिति में किसी अधिकारी / कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत किया जाता है तो अवकाश स्वीकर्ता अधिकारी का ही दायित्व होगा कि अवकाश स्वीकृति आदेश में ही प्रतिस्थानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
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