योग प्रदेश के योगाचार्य निराश, आज भी है नौकरी का इंतजार। 60 हजार से अधिक प्रशिक्षित हैं बेरोजगार…
आज इंटरनेशनल योगा दिवस मनाया जा रहा है। दून से लेकर पूरे राज्य में योगा को बढ़ावा देने के लिए तमाम मंचों व कार्यक्रमों में बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि राज्य गठन के बाद से लेकर अब योगा में ट्रेंड हो चुके करीब 60 हजार से अधिक योग प्रशिक्षितों को योग में रोजगार की तलाश है। यहां तक कि इतने सालों में आज तक न ही किस प्रशिक्षित को सरकारी सेवा में लिया गया है और न ही दूर तक संभावनाएं लग रही हैं। सरकार इस बावत बड़े दावे तो करती आई है, लेकिन ठोस पहल शुरू नहीं कर पाई। एक बार फिर से आज विश्व योगा दिवस पर योग प्रशिक्षितों की निगाहें टिकी हुई हैं। आज राज्य में 60 हजार से अधिक योग प्रशिक्षित बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। इनमें से कई ऐसे युवा हैं, जिनकी उम्र भी पार हो चुकी है और अब वे डिग्री लेकर स्वरोजगार कर रहे हैं।
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योग प्रशिक्षितों की नियुक्ति के लिए कई बार हुई घोषणा
सबसे बड़ा सवाल है कि जिस प्रदेश से योग को देश और दुनिया में प्रसिद्धि मिली और जहां स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में योग शामिल है, वहीं योग शिक्षकों की नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई है। प्रदेश में 60 हजार से अधिक योग प्रशिक्षित बेरोजगार हैं। यह हाल तब है जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस और वर्तमान की भाजपा सरकार योग प्रशिक्षितों की नियुक्ति के लिए कई बार घोषणा हो चुकी है। कैबिनेट में प्रस्ताव आने के बाद भी वे वर्षों से नियुक्ति की आस लगाए हुए हैं। सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत भी वेद, ज्योतिष और वैदिक गणित को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। शिक्षण के लिए योग प्रशिक्षितों की नियुक्ति का मामला पूर्व में कैबिनेट में आया लेकिन सिस्टम की खामी के चलते मामला फाइलों में ही दबकर रह गया।
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वादे किए पर नियुक्ति नहीं मिली
बेरोजगारों के मुताबिक एक मार्च 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टिहरी में आयोजित एक समारोह में जूनियर हाईस्कूलों एवं उच्च स्तर की कक्षाओं में योग शिक्षा के लिए योगाचार्यों की नियुक्ति की घोषणा की थी। इसके बाद कैबिनेट में भी प्रस्ताव आया। तब निर्णय लिया गया कि 50 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में योग शिक्षकों एवं बीपीएड प्रशिक्षितों को नियुक्ति दी जाएगी। धामी कैबिनेट में भी सरकारी महाविद्यालयों, हर ब्लॉक के एक इंटर कालेज में योग शिक्षक की भर्ती का प्रस्ताव आया, लेकिन बेरोजगारों को नियुक्ति नहीं मिली।
योग प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षा निदेशालय बैठें हैं धरने पर
योग प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षा निदेशालय में एक जून से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। आंदोलनरत योग प्रशिक्षितों की मांग है कि प्रदेश के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में योग को अनिवार्य विषय कर उनकी नियुक्ति की जाए। इसके अलावा प्रदेश के आयुष, एलोपैथिक अस्पतालों एवं पर्यटन विभाग के तहत पर्यटक आवास गृहों में नियुक्ति दी जाए।
120 कॉलेजों में मिलेगी नियुक्ति, शिक्षा निदेशालय से मांगा प्रस्ताव
प्रदेश के सभी 120 सरकारी महाविद्यालयों में योग शिक्षकों को नियुक्ति मिलेगी। उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत के मुताबिक शिक्षा निदेशालय से इसके लिए प्रस्ताव मांगा गया है। स्कूलों में भी इनकी नियुक्ति के लिए संभावना तलाशी जा रही है। इसके अलावा 1461 वैलनेस सेंटरों में योग प्रशिक्षितों को 250 रुपये प्रतिघंटा के हिसाब से रखा जाएगा।
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