नहीं रहे ‘डिस्को किंग’ बप्पी लहरी। पढ़ें उनकी जीवन यात्रा..

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बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार बप्पी लहरी का आज बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। बप्पी लहरी को हिंदी संगीत प्रेमियों को पॉप से रू-ब-रू कराने के लिए जाना जाता है। खासतौर पर 80 और 90 के दशक में उनके गानों ने धूम मचा दी थी। आज बप्पी लहरी अपने प्रशंसकों के बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत हमेशा प्रशंसकों को झूमने पर मजबूर करता रहेगा। उन्होंने बहुत से गानों को स्वयं अपनी आवाज दी। दो साल पहली आई फिल्म बागी-3 का गाना ‘भंकस’ उनका आखिरी गीत रहा।
इस कारण हुई मौत
बप्पी लाहिड़ी के निधन की वजह ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया बताई जा रही है। इसके अलावा उनके फेफड़ों में दिक्कत थी साथ ही उनके गले में भी इंफेक्शन था। उन्हें अस्पताल भी ले जाया गया था। हालांकि ठीक होने के बाद वापस घर आ गए थे। मंगलवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई थी, जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा था, जहां सुबह तीन बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कब और कहां हुआ जन्म
बप्पी लहरी के बारे में बात करें तो उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था और उनके पेरेंट्स ने उनका नाम आलोकेश लहरी रखा था। उनके माता पिता अपरेश लहरी और बंसुरी लहरी दोनों ही बंगाली सिंगर और म्यूजिशियन थे। और अपने माता- पिता की इकलौती संतान हैं।
3 साल की उम्र में सीखा तबला बजाना
बप्पी लहरी ने तीन साल की उम्र में तबला बजाना शुरू कर दिया था, जिसकी शिक्षा उनके पेरेंट्स ने उन्हें दी थी। वैसे तो बप्पी लहरी डिस्को स्टाइल गानों के लिए जाने जाते थे लेकिन उन्होंंने कई मधुर गीत भी गाए जैसे चलते चलते और ज़ख्मी के गाने।

बप्पी लहरी का परिवार
बप्पी लहरी ने 24 जनवरी 1977 को चित्राणी लहरी से शादी की थी। दोनों के दो बच्चे हैं, एक बेटी रीमा लहरी जो कि सिंगर हैं। एक बेटा बप्पा लहरी जो कि म्यूजिक डायरेक्टर हैं। उनके बेटे बप्पा ने तनीषा लहरी से शादी की है और उनका एक बेटा कृष लहरी है। बता दें कि बप्पी लहरी का कहना था, ‘गोल्ड इज माय गॉड’ यानी सोना ही मेरा भगवान है।
बप्पी दा के सबसे लोकप्रिय गाने
बता दें कि बप्पी के मशहूर गानों में जिम्मी, जिम्मी, याद आ रहा है, तम्मा तम्मा लोगे, दे दे प्यार दे, रात बाकी बात बाकी, आज रपट जाएं, ऊ ला ला, इंतहा हो गई इंतजार की, आई एम अ डिस्को डांसर, तम्मा तम्मा अगेन, अउआ अउआ कोई यहाँ नाचे, बंबई से आया मेरा दोस्त, तूने मारी एंट्री, प्यार कभी कम नहीं करना, असलाम-ए-इश्कम जैसे गाने शामिल हैं। 

ये र‍िकॉर्ड हैं उनके नाम
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1986 में उन्होंने 33 फिल्मों में 180 गानें गाए। उनका ये रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। उन्‍हें फ‍िल्‍ममेयर की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। 
पहली बॉलीवुड फिल्म जिसने बप्पी को दिलाई पहचान
बप्पी दा ने बॉलीवुड में शुरुआती दिनों में संघर्ष किया। उनकी किस्मत साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म ‘जख्मी’ से चमकी। सुनील दत्त, आशा पारेख, रीना रॉय और राकेश रोशन ने मुख्य भूमिकाओं में, “आओ तुम्हारे चांद पे ले जाए” जैसे गाने दिए।

मशहूर गायक किशोर कुमार के थे रिश्तेदार
मशहूर गायक किशोर कुमार बप्पी लहरी के मांमा थे। बप्पी लहरी को संगीत के क्षेत्र में लाने का श्रेय भी किशोर कुमार को ही जाता है। बता दें कि बप्पी लहरी ने छोटी उम्र से ही गीत संगीत की तैयारी शुरू कर दी थी। 19 वर्ष की उम्र में बप्पी लहरी कोलकाता छोड़कर मायानगरी मुंबई आ गए थे। बप्पी लहरी ने संगीत का पहला ककहरा अपने घर में ही सीखा था। बप्पी लहरी ने भी मुंबई में संगीत के क्षेत्र में नाम कमाने से पहले बंगाली फिल्मों में गाना गाया था। बप्पी लहरी जब सिर्फ 21 वर्ष के थे, तब उन्हें साल 1973 में ‘नन्हा शिकारी’ नाम की फिल्म में संगीत देने का मौका मिला था।

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