देवभूमि परिवार योजनाः पात्र परिवारों को मिलेगा लाभ, अपात्र होंगे बाहर। हर परिवार की नई पहचान, ये होंगे फायदे…
उत्तराखंड में निवासरत सभी परिवारों को अब विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी। इसके साथ ही राज्य में लागू विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को इस संख्या से एकीकृत किया जाएगा। प्रदेश में पहली बार देवभूमि परिवार योजना के लागू होने से पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। अब तक योजनाओं का लाभ लेने वाले अपात्र बाहर हो जाएंगे। परिवार पहचान पत्र बनने के बाद सरकार के पास प्रत्येक परिवार के बारे में यह जानकारी भी होगी कि वह किस-किस सरकारी योजना का लाभ ले रहा है। इससे योजनाओं में फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी और डुप्लीकेसी नहीं हो पाएगी।
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मिलेंगी सभी विभागों से जुड़ी योजनाओं की एक पोर्टल पर जानकारी
देवभूमि परिवार योजना से प्रदेश सरकार को सभी विभागों से जुड़ी वर्तमान और भावी योजनाओं की एक पोर्टल पर जानकारी मिलेगी। योजना के तहत परिवार रजिस्टर में दर्ज सदस्यों को पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इस आईडी में एक विशेष पहचान संख्या होगी। खास बात यह है कि परिवार पहचान पत्र से सरकार को आसानी से यह जानकारी मिल सकेगी कि परिवार को किन-किन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। कितनी योजनाओं का लाभ परिवार ले चुका है। यदि किसी पात्र परिवार तक योजना का लाभ नहीं पहुंचा है तो उसके क्या कारण हैं। योजना के माध्यम से एकत्रित होने वाले आंकड़ों से सरकार की अन्य योजनाओं, रोजगार, उद्यम, जनगणना, निर्वाचन और शहरी व ग्रामीण घरों के बारे में ताजा जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
पोर्टल तैयार, प्रकोष्ठ भी गठित
परिवार पहचान पत्र का जिम्मा नियोजन विभाग को सौंपा गया है। नियोजन विभाग ने पहले चरण में राष्ट्रीय सूचना केंद्र के सहयोग से पोर्टल तैयार कर लिया है। इसी के जरिये योजना का संचालन और मॉनिटरिंग का कार्य होगा। नियोजन विभाग में एक प्रकोष्ठ का गठन कर दिया गया है, जिसमें योजनाकारों और विश्लेषकों को जिम्मेदारी दी गई है।
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योजना से होंगे ये लाभ
1- नागरिकों व परिवारों की समग्र एवं व्यापक प्रोफाइल होगी तैयार, जिसमें सामाजिक, आर्थिक व जनसंख्यायिकी विवरण भी शामिल होगा।
2- अपात्र लाभार्थियों के चिह्नीकरण एवं ऐसे प्रकरणों के निदान में मदद डाटा बेस के आधार पर पात्र लाभार्थी को मिलेगी सूचना।
3- विभिन्न योजनाओं व सेवाओं के लिए आवेदन के समय दस्तावेजों के फिर से प्रस्तुतीकरण का उन्मूलन।
4- योजनाओं व सेवाओं के माध्यम से सरकार सीधे नागरिकों से स्थापित कर सकेगी संवाद।
5- विभिन्न विभागों की जनहित की नीतियों, योजनाओं को अधिक सक्षम व प्रभावी बनाने में मदद।
6- नागरिकों, विशेष रूप से वंचित वर्गों तक योजनाओं की सुनिश्चित हो सकेगी पहुंच।
7- आपदा की स्थिति में सीधे नागरिकों व परिवारों से संवाद स्थापित कर राहत वितरण में मिलेगी मदद।
8- सरकार के पास यह जानकारी होगी कि राज्य में कितने लोग बेरोजगार हैं।
9- लोगों को वेबसाइट पर यह जानकारी मिल सकेगी कि वे किन-किन योजनाओं के पात्र हैं और किनका लाभ ले रहे हैं।
10- परिवारों के उपलब्ध प्रमाणित आंकड़े जनगणना, निर्वाचन, सहकारिता, कृषि, उद्योग आदि के कार्यों में उपयोगी होंगे।
11- आंकड़े उपलब्ध होने से सर्वे कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
