प्रो डॉ. मधु थपलियाल को नई दिल्ली में मिला महिला सशक्तिकरण सम्मान…

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प्रो डॉ. मधु थपलियाल को नई दिल्ली में मिला महिला

प्रोफेसर मधु थपलियाल – पर्यावरणविद्, सामाजिक वैज्ञानिक समर्पित शिक्षक और अनुसंधानकर्ता को आज नई दिल्ली में 5वें पर्यावरण शिखर सम्मेलन के दौरान महिला सशक्तिकरण पुरस्कार प्राप्त हुआ। शिखर सम्मेलन का आयोजन डॉ. भीमराव अंबाडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, पर्यावरण और सामाजिक विकास संघ (ईएसडीए), नई दिल्ली, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

डॉ. मधु थपलियाल ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं और उन्हें सशक्त उद्यमी बना रही हैं, ग्रामीण विकास में अपने शिक्षण और अनुसंधान के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद कर रही हैं। प्रोफेसर मधु थपलियाल को पहले भी विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जो उन्होंने अपने काम के प्रति असाधारण समर्पण के कारण मिले हैं।

महिला सशक्तिकरण पुरस्कार उन्हें मुख्य अतिथि – इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और भारत सरकार के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्राईब्यूनल) के वर्तमान सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल, मत्स्य पालन और महासागर संसाधन राज्य मंत्री डॉ. अमज़त अहमद – मालदीव गणराज्य, प्रो. (डॉ.) एम.के. वाजपेयी, माननीय चांसलर, अंतर्राष्ट्रीय रोमा सांस्कृतिक विश्वविद्यालय, मेजर जनरल डॉ. श्री पाल, वीएसएम (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष पर्यावरण एवं सामाजिक विकास संघ (ईएसडीए), दिल्ली और प्रो. राज कुमार, निदेशक, वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली द्वारा प्रदान किया गया ।

ग्रामीण विकास, महिला किसानों को उद्यमियों में बदलने, देशी हल्दी की खेती के लिए गांवों का समूह बनाने, स्थानीय स्तर पर उत्पादों को विकसित करने में किए गए उनके काम को कार्यक्रम के दौरान सराहा गया । प्रोफेसर मधु थपलियाल वर्तमान में आर० सी० यू० गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी में कार्यरत हैं और इस दूरस्थ स्थान में उनका काम सतत विकास लक्ष्यों (एस० डी० जी० ) के कार्यान्वयन के साथ जुड़ा हुआ है, वोकल फॉर लोकल मिशन के तहत स्थानीय स्तर पर नौकरियां पैदा करेगा और स्थायी स्थानीय अर्थव्यवस्था के सतत विकास में मदद करेगा । इस उपलब्धि के अवसर पर महा० वि० के प्राचार्य प्रो० पंकज पन्त ने प्रो० मधु थपलियाल को बधाई दी ।

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