गर्व: नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2020 से सम्मानित होंगे कर्नल अमित बिष्ट, अबतक 35 चोटियां की हैं फतेह..
रवि रावत। उत्तरकाशी: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट को नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया जाएगा। कर्नल अमित बिष्ट ने 35 चोटियों को फतह की है। लिहाजा अब उन्हें नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया जाएगा। अमित बिष्ट के नाम की घोषणा होने पर जिले के साहसिक खेलों से जुड़े लोगों ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कर्नल अमित बिष्ट के साथ ही उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और दिल्ली के 7 साहसिक खेलों से जुड़े लोगों को नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2020 से नवाजा जाएगा।
नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड देश का साहसिक खेलों में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इसका नाम पूर्व में तेनजिंग नोर्के नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड था। यह अर्जुन अवॉर्ड के समकक्ष का पुरस्कार है। कर्नल अमित बिष्ट ने अपने 20 वर्ष के पर्वतारोहण करियर में 35 चोटियों का आरोहण किया है। जिसमें इस वर्ष जून माह में विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट का सफल आरोहण भी शामिल है। इन 35 चोटियों में से 20 चोटियां ऐसी हैं, जिन्हें आरोहण करने वाले कर्नल अमित बिष्ट पहले पर्वतारोही बने हैं।
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शुक्रवार को भारत सरकार के युवा मामले व खेल मंत्रालय की ओर से कर्नल अमित बिष्ट को नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2020 से सम्मानित किए जाने की घोषाणा की गई। कर्नल अमित बिष्ट सेना मेडल को यह सम्मान उनके पर्वतारोहण तथा साहसिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन लिये दिया जा रहा है। कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2020 के लिए साहसिक खेलों से जुड़े 7 लोगों के नाम की सूची जारी की गई है। जिसमें उनका नाम भी शामिल है। कर्नल बिष्ट को मिलने वाले इस सम्मान पर समस्त पर्वतारोहियों, जनपदवासियों एवं प्रदेश भर के लोगों ने हर्ष व्यक्त किया है।
कर्नल अमित बिष्ट ने माउण्ट त्रिमुखी, प्रथम आरोहण, माउण्ट त्रिशूल, स्टोक कांगडी, फ्रेंडशिप, 6566, 6657, 6126 और 6086 प्रथम आरोहण मुम्बा, माउण्ट ब्लॉक, फ्रांस, हर्षिल हॉर्न, प्रथम आरोहण, नागा, के साथ-साथ विश्व की सबसे ऊंची चोंटी माउण्ट एवरेस्ट का भी सफलता पूर्वक आरोहण कर चुके हैं। कर्नल अमित बिष्ट, सेना मेडल को प्राप्त यह सम्मान राष्ट्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा। जानकारी के अनुसार 1994 में स्थापित यह राष्ट्रीय सम्मान अभी तक भारत के 139 अति विशिष्ठ नागरिकों को दिया गया है। इस सम्मान को पूर्व में तेंजिंग नार्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से भी जाना जाता है।
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