उत्तराखंड: सैनिक कल्याण मंत्री ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट में दी शहीदों को श्रद्धांजलि, पार्थिव शरीर पहुंचे पैत्तृक गांव..

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उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में आतंकियों की तलाश में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो वीर सपूत राइफलमैन विक्रम सिंह और राइफलमैन योगंबर सिंह शहीद हो गए। दोनों वीर शहीदों के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से जौलीग्रांट लाया गया है, जहां से उनके पैत्तृक गांव पहुंचा गया है। राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच कर शहीदों के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजली अर्पित की।

प्रदेश के सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए थे। इनमें टिहरी निवासी राइफलमैन विक्रम सिंह और चमोली के सांकरी गांव निवासी राइफलमैन योगंबर सिंह शामिल हैं। अमर शहीदों ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की धरती है, राज्य के वीर सपूत अपनी जान देकर कर भारत माता की रक्षा के अपने प्रण को निभाते हैं। हमारी सरकार वीर सपूतों की अमर शहादत को नमन करती है। शहीदों के परिवारजन हमारी जिम्मेदारी हैं। हालांकि परिवारजनों की इस क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता परंतु राज्य सरकार शहीदों के परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी सहित हर सम्भव सहायता के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है।

टिहरी नरेंद्रनगर ब्लॉक के विमाण गांव निवासी 26 वर्षीय राइफलमैन विक्रम सिंह के शहीद होने की खबर सुनने के बाद उनके परिवार और गांव में कोहराम मच गया। विक्रम सिंह पांच साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसका एक डेढ़ साल का बेटा भी है। शहीद के माता पिता और उसकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। शहीद की खबर आने से 95 वर्षीय दादी भी सदमे में है। शहीद के माता-पिता और पत्नी गांव में ही रहते हैं। विक्रम अपने घर का इकलौता बेटा था। उनकी एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। शहादत की खबर के बाद से ही विक्रम सिंह की 95 वर्षीया दादी रुकमा देवी, मां बिरजा देवी और पत्नी पार्वती बेसुध हैैं। विक्रम इसी साल जुलाई में गांव आए थे और डेढ़ महीने की छुट्टी बिता कर गए थे। 22 अक्टूबर को विक्रम को फिर घर आना था। उनके घर में पूजा रखी गई थी, लेकिन इससे पहले ही उनके शहीद होने खबर आ गई।

वहीं चमोली जिले के ग्राम सांकरी निवासी 26 वर्षीय राइफलमैन योगंबर सिंह के शहीद होने की सूचना फोन पर मिलने के बाद से शहीद के गांव में मातम छाया है। राइफलमैन योगंबर सिंह छह साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। जुलाई माह में ही वह छुट्टी पर घर आए थे। शुक्रवार दोपहर दो बजे सेना मुख्यालय से योगंबर सिंह के स्वजन को उनके शहीद होने की सूचना मिली। तीन साल पहले उनकी शादी कुसुम से हुई थी। उनका एक साल का बेटा अक्षित भी है। शहीद के परिवार में माता जानकी देवी, पिता वीरेंद्र सिंह के अलावा शहीद के दो छोटे भाई प्रशांत और वसुदेव के अलावा एक बहन श्रुति भी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के दो जवानों के शहीद होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राइफलमैन विक्रम सिंह और योगंबर सिंह ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के स्वजन को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की कामना की है।

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