उत्तराखंड में आपदा से 1000 करोड़ का नुकसान। अब तक 78 की मौत, 18 लापता..
उत्तराखंड में इस बार मानसून भारी गुजर रहा है। अतिवृष्टि व भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने के साथ जानमाल की व्यापक क्षति उठानी पड़ रही है। प्रारंभिक आकलन में 15 जून से अब तक आपदा से एक हजार करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है। इसमें भी मानसून ने सड़कों को सर्वाधिक जख्म दिए हैं। राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सभी तरह की सड़कों एवं पुलों को हुई क्षति 536 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा कृषि भूमि, पेयजल व विद्युत लाइनों, सिंचाई गूलों, भवनों आदि को भी नुकसान पहुंचा है। मानसून अभी सक्रिय है और क्षति का आकलन भी विभागवार चल रहा है। हालांकि, क्षति की भरपाई के दृष्टिगत कदम उठाने को सरकार ने कसरत भी शुरू कर दी है। अतिवृष्टि के कारण समूचा उत्तराखंड आपदा की स्थिति से जूझ रहा है। नदी-नालों का वेग भयभीत कर रहा है तो भूस्खलन, भूधंसाव के कारण सार्वजनिक व निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
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मुख्यमंत्री धामी ने कहीं ये बातें
आपदा ने सर्वाधिक क्षति पहाड़ की जीवन रेखा कही जाने वाली सड़कों को पहुंचाई है। चारधाम को जोड़ने वाली आल वेदर रोड समेत अन्य राजमार्ग हों या फिर राज्य राजमार्ग, जिला व संपर्क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कें, सभी छलनी हुई हैं। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में कठिनाइयां भी बढ़ गई हैं। ऐसी ही स्थिति अन्य विभागों के मामलों में भी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि उत्तराखंड को मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। हरिद्वार जिले में बाढ़ व जलभराव से 21 हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल खराब हो गई। सड़कों और पुलों को भारी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि अभी मानसून सक्रिय है। बारिश कम होने के बाद सड़कों को पुरानी स्थिति में लाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू होगा।
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केंद्र से करेंगे मदद की आग्रह
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मानसून सीजन में लगातार हो रही वर्षा के कारण राज्य में आपदा जैसी स्थिति है। अतिवृष्टि, भूस्खलन से व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है। अभी आकलन जारी है और अंतिम आंकड़े मिलने के बाद क्षति की भरपाई के लिए केंद्र से मदद का आग्रह किया जाएगा। कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड की पहले भी मदद करती आई है और आगे भी करेगी। प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुंचे, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। हमारा पूरा ध्यान जनजीवन को सामान्य बनाने पर केंद्रित है। राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में प्रत्येक आपदा प्रभावित के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में हुई क्षति का संपूर्ण ब्योरा केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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आपदा से क्षति (15 जून से अब तक)
78 व्यक्तियों की मृत्यु
18 व्यक्ति लापता
47 लोग हुए घायल
7737 पशुओं की मौत
1471 घरों को पहुंची क्षति
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