प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के आवेदन शुरू, हर जिले से भेजे जाएंगे 3 नाम। इस डेट से पहले दें आवेदन..
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दिए जाने वाले प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए प्रतिभागियों के चयन को राज्य में भी कसरत प्रारंभ हो गई है। इस पुरस्कार के लिए प्रत्येक जिले से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे तीन ऐसे बच्चों के नाम भेजे जाएंगे, जो समाज के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं। इसके लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त नियत की गई है। राज्य के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव हरि चंद्र सेमवाल के अनुसार, सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे इस पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन कर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पोर्टल पर उनके नाम व उपलब्धि का ब्योरा अपलोड कराना सुनिश्चित कराएं।
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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उत्तराखंड समेत सभी राज्यों का प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के संबंध में पत्र भेजा गया है। इस में कहा गया है कि बहादुरी, खेल, समाज सेवा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, कला, संस्कृति, नवोन्मेष समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले 18 साल से कम आयु के बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरस्कार दिए जाएंगे। मंत्रालय के पोर्टल पर इसके लिए आवेदन ऑनलाइन भरे जाएंगे। सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि केंद्र के दिशा-निर्देशानुसार सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में इस पुरस्कार के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है, ताकि यहां के बच्चे भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल कर सकें। इसी उद्देश्य से जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे कम से कम तीन प्रतिभागियों के आवेदन पुरस्कार के लिए भरवाना सुनिश्चित करें।
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1996 में हुई थी शुरुआत
असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के मकसद से 1996 में इस पुरस्कार को शुरू किया गया था। इस पुरस्कार को हासिल करने वाले बच्चों को मेडल के अलावा नकद पुरस्कार दिया जाता है। 2018 से इस पुरस्कार का नाम बदलकर ‘बाल शक्ति पुरस्कार’ रखा गया है और इसमें बहादुरी के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया।
किसे मिलता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?
1- राष्ट्रीय बाल पुरस्कार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दिया जाता है। ये पुरस्कार किन बच्चों को मिलेगा, उसके लिए मंत्रालय की एक गाइडलाइन है।
2- ये पुरस्कार उन बच्चों को मिलेगा जो भारत के नागरिक हैं और भारत में रहते हैं। ऐसे बच्चों की उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम होनी चाहिए।
विजेताओं को क्या मिलता है?
PMRBP के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक (Medal) और एक प्रमाणपत्र (Certificate) के साथ 1 लाख रुपये का नकद (1 Lakh Rupees Cash) पुरस्कार भी दिया जाता है। ये बच्चे राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेते हैं।
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किन श्रेणियों में दिया जाता है ये पुरस्कार
1- इनोवेशनः विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों। उनके इनोवेशन से इंसानों के साथ-साथ जीव-जंतु और पर्यावरण पर कोई प्रभाव पड़ा हो।
2- सामाजिक कार्यः बाल विवाह, यौन शोषण, शराब आदि जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ समाज को प्रेरित किया हो या संगठित किया हो।
3- शिक्षाः राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार उपलब्धि हासिल की हो।
4- खेलः राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में लगातार उपलब्धि हासिल की हो।
5- आर्ट्स एंड कल्चरः म्यूजिक, डांस, पेंटिंग या आर्ट्स और कल्चर से जुड़ी अन्य विधाओं में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की हो।
6- बहादुरीः अपनी जान जोखिम में डालकर निस्वार्थ सेवा करने वाले बच्चों को शामिल किया जाता है। ऐसे बच्चे जो प्राकृतिक या मानव निर्मित किसी भी परिस्थितियों में साहस का काम करते हैं। या फिर ऐसे बच्चे जो किसी भी खतरे की स्थिति में अपनी बुद्धिमत्ता और मानसिक शक्ति का असाधारण इस्तेमाल करते हों।
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