पौराणिक मनणामाई लोकजात यात्रा हुई शुरू, दूसरे सोमवार को पहुंचेगी मनणा तीर्थ..
ऊखीमठः भेड़ पालकों की अराध्य देवी भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा राकेश्वरी मन्दिर रासी से विधिवत शुरू हो गयी है। सावन मास के दूसरे सोमवार को मनणामाई लोक जात यात्रा मनणामाई धाम पहुंचेगी तथा पूजा-अर्चना के बाद लोक जात यात्रा राकेश्वरी मन्दिर रासी के लिए वापस होगी। लोक जात यात्रा के राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचना मौसम पर निर्भर करेगा मगर मनणामाई लोक जात यात्रा के वापसी में सनियारा रात्रि प्रवास युगों से चली परम्परा के अनुसार आवश्यक माना गया है। लोक जात यात्रा में लगभग दो दर्जन श्रद्धालु मौजूद हैं। शुक्रवार को राकेश्वरी मन्दिर रासी में विद्वान आचार्यों ने ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें सम्पन्न कर भगवती राकेश्वरी व भगवती मनणामाई का आवाहन कर आरती उतारी तथा भगवती मनणामाई की डोली का विशेष श्रृंगार कर भगवती मनणामाई की डोली ने राकेश्वरी मन्दिर की परिक्रमा की तथा महिलाओं ने मांगल गीतों तथा ब्राह्मणों ने वेद ऋचाओं से भगवती मनणामाई की डोली को कैलाश के लिए रवाना किया।
यह भी पढ़ेंः इनकम टैक्स रिटर्न की 31 जुलाई आखिरी तारीख वरना भरना होगा भारी जुर्माना, ऐसे भरें ITR..
भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा के कैलाश रवाना होने पर रासी गाँव के ग्रामीणों ने मीलों दूर तक मनणामाई की लोक जात यात्रा को परम्परानुसार विदा किया। राकेश्वरी मन्दिर के पुजारी भगवती प्रसाद भटट् ने बताया कि भगवती मनणामाई भेड़ पालकों की अराध्य देवी माना जाता है तथा युगों से परम्परा के अनुसार प्रति वर्ष मनणामाई की लोक जात यात्रा सावन मास में राकेश्वरी मन्दिर रासी से शुरू होती है तथा मनणा धाम में पूजा – अर्चना के बाद लोक जात यात्रा की राकेश्वरी मन्दिर रासी के लिए वापसी होती है। राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचने पर लोक जात यात्रा का समापन होता है। राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि इस बार पण्डित ईश्वरी प्रसाद भटट् मनणामाई लोक जात यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं तथा सावन महीने के दूसरे सोमवार को मनणामाई लोक जात यात्रा मनणा धाम पहुंचेगी।
यह भी पढ़ेंः CM धामी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया निरीक्षण। आपदा क्षेत्र किया घोषित, बिजली बिल भी माफ..
बद्री केदार मन्दिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने बताया कि मनणामाई धाम रासी गाँव से लगभग 32 किमी दूर चौखम्बा की तलहटी व मदानी नदी के किनारे बसा है। उन्होंने बताया कि मनणामाई तीर्थ सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान है। शिक्षाविद रवि भटट् ने बताया कि मनणामाई धाम पहुंचने के लिए सनियारा, पटूणी, थौली, सीला समुन्दर, कुलवाणी यात्रा पड़ावों से पहुंचा जा सकता है तथा मनणामाई तीर्थ में हर भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। मनणामाई लोक जात यात्रा समिति अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट ने बताया कि मनणामाई लोक जात यात्रा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए पटूणी, द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए दगला पहुंचेगी तथा तीसरे दिन लोक जात यात्रा मनणा तीर्थ पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों में निरन्तर बारिश होने से लोक जात यात्रा के राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचना मौसम पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि लोक जात यात्रा में देवेन्द्र सिंह पंवार, आनन्द सिंह रावत, शिशुपाल नेगी सहित दो दर्जन से अधिक श्रद्धालु मौजूद है।
यह भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम पहुंचकर आयुक्त गढ़वाल मंडल ने पुनर्निर्माण कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण..