उत्तराखंड में बाल लिंगानुपात में हुआ बड़ा सुधार, इस जिलें की स्थिति निराशाजनक..

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Child Sex Ratio. Hillvani

Child Sex Ratio. Hillvani

उत्तराखंड में एक ओर जहां बाल लिंगानुपात में व्यापक सुधार देखने को मिला है वहीं देहरादून जिले में यह लिंगानुपात सबसे कम है। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पांच वर्ष तक के बच्चों का लिंगानुपात 984 दर्ज किया गया है। यानी, इस आयु वर्ग में प्रदेश में 1000 बालकों के सापेक्ष 948 बालिकाएं हैं। वहीं वर्ष 2015-16 में यह लिंगानुपात 888 था। प्रदेश में अल्मोड़ा में जहां सबसे अधिक 1000 बालकों के मुकाबले 1444 बालिकाओं ने जन्म लिया, वहीं देहरादून में यह आंकड़ा सबसे कम 823 है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के इस वर्ष के आंकड़े प्रदेश सरकार को बेहद राहत देने वाले हैं। यद्यपि राजधानी देहरादून के आंकड़े चौंकाते हैं, जहां सारी सुविधाएं व स्वास्थ्य योजनाओं के बावजूद यह प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के पांच जिलों अल्मोड़ा, चमोली, नैनीताल, पौड़ी व ऊधमसिंह नगर में प्रति एक हजार बालकों की तुलना में अधिक बालिकाओं का जन्म हुआ है। प्रदेश में बाल लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री ने दिए लिंगानुपात बढ़ाने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हाल ही में रुद्रप्रयाग में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में अधिकारियों को लिंगानुपात बढ़ाने के निर्देश दिए थे। साथ ही पीसीपीएनडीटी कमेटी में निष्क्रिय सदस्यों को हटाने व क्षेत्रीय विधायक की अध्यक्षता में प्रत्येक तीन माह में इन समितियों की बैठक कराने को कहा। विभागीय मंत्री ने संतुलित लिंगानुपात के लिए पांच जिलों में विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए थे।
आमजन को किया जा रहा प्रोत्साहित
स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने लिंगानुपात में व्यापक सुधार पर कहा कि इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जन जागरूकता अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान व संस्थागत प्रसव कराने के लिए आमजन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा भ्रूण जांच व पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन किया जा रहा है। कम बाल लिंगानुपात वाले जिलों में विशेष ध्यान देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं।

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जिलों में लिंगानुपात की स्थिति

  • अल्मोड़ा – 1444
  • नैनीताल – 1136
  • पौड़ी – 1065
  • चमोली – 1026
  • यूएस नगर – 1022
  • हरिद्वार – 985
  • रुद्रप्रयाग – 958
  • बागेश्वर – 940
  • चंपावत – 926
  • पिथौरागढ़ – 911
  • उत्तरकाशी – 869
  • टिहरी – 866
  • देहरादून – 823

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