उत्तराखंड: नंदी देवी हत्याकांड का खुलासा। बीड़ी बनी हत्या की वजह, हत्यारे ने बताई उस दिन की पूरी घटना..

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Disclosure of Nandi Devi murder case. Hillvani News

Disclosure of Nandi Devi murder case. Hillvani News

पुलिस ने गोरापड़ाव में हुए नंदी देवी हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एसएसपी पंकज भट्ट ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि नंदी देवी घर के पास ही एक दुकान का संचालन करती थी आरोपी के साथ महिला का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। युवक ने इसका बदला लेने के लिए महिला की हत्या कर दी। आरोपी तक पुलिस एक मोबाइल की वजह से पहुंच पाई। आरोपी ने मृतका के मोबाइल को एक व्यक्ति के पास गिरवी रखा था और पैसे देकर वापस देने की बात कही थी लेकिन वह मोबाइल लेने नहीं पहुंचा। इस मामले की जांच में जुटी पुलिस को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने मोबाइल कॉल जांची तो पता चला कि यह मोबाइल नंदी देवी का है। और फिर पुलिस आरोपी मनोज पुरी को गिरफ्तार किया। बता दें कि आरोपी ने महिला की हथौड़े से कई बार वार कर हत्या कर दी थी और इस मामले में महिला के दामाद रोहित मेहरा ने 5 मई को मुकदमा दर्ज कराया था। एसएसपी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज ना होने के कारण मुखबीर तंत्र को एक्टिवेट कर लगभग 100 लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस हत्यारोपी तक पहुंची है। पुलिस के इस खुलासे पर एसएसपी ने 5000 के इनाम की घोषणा की है।

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आरोपी ने खुद बताई नंदी देवी हत्याकांड की वजह
मनोज पुरी ने बताया कि मैं 4 मई को पड़ोस की नंदी आन्टी की दुकान में बीड़ी का बण्डल लेने गया था मेरे पास खुले पैसे नहीं थे। तो मैंने उनसे बीड़ी का बण्डल उधार मांगा तो आन्टी ने मुझसे नाराज होकर बोला कि पता नहीं कहां-कहां से कुत्ते साले उधार मांगने आ जाते हैं। मैंने उनसे बोला बीड़ी का बण्डल उधार नहीं देना है तो मत दो मैं जा रहा हूँ। लेकिन ऐसे अपशब्द नहीं बोलो तो वह और ज्यादा गन्दे तरीके से अपशब्द कहने लगी। नन्दी आन्टी द्वारा बोले गये अपशब्द मेरे दिल में बूरी तरह चुभ गये फिर में अपने कमरे में आ गया। कमरे पर नन्दी आन्टी के कहे गये अपशब्द सोच –सोच कर मुझे बहुत गुस्सा आने लगा और मैने यह तय कर लिया कि मैं इस औरत को नहीं छोडूंगा और जान से मार दूँगा चूँकि मुझे पैसों की भी तंगी थी तो सोचा कि नन्दी आन्टी के घर पर जो भी माल मिलेगा वो भी ले आऊंगा। फिर उसी कमरे में ही आन्टी को कैसे मारूंगा इस बात का प्लान सोचने लगा चूँकि उस सड़क में काफी लोगों एवं वाहनों का आना जाना रहता हैं इस कारण मैं रात्रि के सुनसान समय का इन्तजार करने लगा और रात्रि दो बजे करीब जब मैंने देखा कि अब सब लोग सो गये हैं और गाडियों की आवाजाही भी कम हो गयी है तो मैंने अपने कमरे से चारपाई के नीचे रखा हथौडा ऊठाया और अपनी कमर में डालकर आन्टी के घर की ओर चला सोचा रोड से निकलूंगा तो कोई मुझे देख लेगा इसलिए मैं अपने घर के सामने स्थित जंगल से होता हुए सीधे आन्टी के घर के सामने रोड पर निकला और वाटर पार्क वाले जंगल में जाने वाले रास्ते पर छिप गया।…. आगें पढ़ें..

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वहाँ से आन्टी का दरवाजा साफ दिखाई देता है मैने आन्टी के बाहर आने का इन्तजार किया करीब दो बजकर तीस मिनट पर में जंगल से निकला और रोड पार कर आन्टी की दीवार कूदकर अन्दर दरवाजे के बगल में आंगन में छिप गया काफी देर इन्तजार करने के बाद दरवाजा खोलने की आवाज आयी मैं दरवाजे के सामने हाथ में हथौडा लेकर खड़ा हो गया आन्टी ने जैसे ही दरवाजा खोला और पर्दा हटाया जैसे उनकी नजर मुझ पर पड़ी तो वह सकपकाकर एकदम चिल्लाई फिर मैंने एकदम से अपने हाथ में पकडे हुए हथौडे से आन्टी के सिर पर जोरदार वार किया आन्टी अपने घर के अन्दर की ओर गिर गयी फिर मैने पांच – छः बार लगातार हथौडे से आन्टी के सिर पर वार किये जिससे आन्टी चित हो गयी फिर मैंने उसके गले में पहने दुपट्टे से उसका गला गांठ लगाकर घोंट दिया। फिर आन्टी को दुपट्टे के सहारे उठाकर खींचकर उसके बाहर आगन में बने टॉयलेट में ले गया और उसका सिर पानी से भरे टब में डूबाकर उसको वहीं छोड दिया और सीधे आन्टी के घर के अन्दर गया और घर से बैग, कपड़े कुछ नगदी एवं मोबाईल आदि लेकर अपने कमरें में जंगल के रास्ते होते हुए आ गया। शनिवार को गौला गेट में जुआं खेलते-खेलते मैं पैसे हारने पर मैंने उक्त मोबाईल जुआ खेल रहे एक व्यक्ति के पास गिरवी रख दिया था। जहां 09 मई मंगलवार को छुट्टी थी मैं अपने घर बरेली चला गया।

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