उत्तराखंडः यहां स्कूली छात्र छोड़ रहे अपना गांव। आखिर क्यों? जानें वजह..
उत्तराखंड के इस जिले में एक गांव ऐसा है जहां के नौनिहाल गांव से बाहर पढ़ाई करने के लिए जाने को मजबूर हो गए हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह मोबाइल नेटवर्क बन गया है। मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से स्कूली छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। पढ़ाई के लिए छात्रों ने गांव छोड़ दिया है। नैनीताल जिले के पहाड़ के गांवों में मोबाइल नेटवर्क बड़ी समस्या। आलम यह है कि भवाली गांव में बच्चों की पढ़ाई भी इससे प्रभावित हो रही है। लॉकडाउन के दौरान तो बच्चों को गांव के समीप की पहाड़ी की चोटी पर जाकर अपनी परीक्षाएं दीं, लेकिन अब हर रोज हो रही नेटवर्क की समस्या की वजह से 80% बच्चों ने गांव छोड़ दिया है।
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पढ़ाई के लिए बाहर के स्कूलों में एडमिशन लिया है। भवाली कस्बे से मात्र चार किमी दूर स्थित भवाली गांव में आज भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है। जिस कारण ऑनलाइन सेवाओं का यहां कोई भी लाभ नहीं उठा पाता। सबसे बड़ी समस्या बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में आ है। वह गांव में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते। इसीलिए गांव के लोगों ने अपने बच्चों का एडमिशन नैनीताल व हल्द्वानी के स्कूलों में करवा दिया है। इससे पहले लॉकडाउन के बीच जब पूरी दुनिया ऑनलाइन पढ़ाई कर रही थी। जब बच्चों को बड़ी दिक्कतें हुईं जंगली जानवरों के खतरों के बीच जंगल में चोटी पर जाकर पढ़ना पड़ता था।
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ग्रामिण बताते हैं कि गांव में यदि कोई बीमार हो जाए तो इमरजेंसी में एंबुलेंस भी नहीं बुलाई जा सकती। गांव के लोगों को खुद ही गाड़ी से ले जाते हैं। करन चिलवाल, कनिष्ठ प्रमुख बेतालघाट का कहना है कि गांव में नेटवर्क सुविधा नहीं है। बच्चों को पढ़ने में परेशानी होती है। लोगों को अपने छोटे छोटे काम करने के लिए भवाली नगर जाना पड़ता है। ज्योति बिष्ट, ग्राम प्रधान भवाली ने बताया कि गांव में नेटवर्क सबसे बड़ी समस्या है। नेटवर्क न होने से गांव के 80 फीसदी बच्चे बाहरी क्षेत्रों में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं। सब डिजिटल होने से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है।
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