उत्तराखंड चार धाम यात्रा रूट में बढते कोविड केसों ने बढ़ाई चिंता, 11 जिलों में फैला संक्रमण। मॉक ड्रिल में खुली विभाग की पोल..
Char Dham Yatra 2023: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने का सिलसिला जारी है। चिंता की बात है कि बदरीनाथ-गंगोत्री सहित चार धाम यात्रा रूट मंगलवार 11 अप्रैल को लगातार दूसरे दिने कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। उत्तराखंड चार धाम- 2023 पर यूपी, दिल्ली-NCR, एमपी सहित देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी सतर्क रहने जरूरत है। चार धाम यात्रा रूट पर कोरोना केसों मिलने के बाद सरकार ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों से अपील की गई है कि वह कोविड गाइडलाइन का अवश्य पालन करें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में कोरोना केसों में इजाफा हुआ है। उत्तराखंड में काफी दिनों के अंतराल के बाद प्रदेशभर में 108 नए पॉजिटिव मिले हैं। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 197 पहुंच गई है। लेकिन, राहत की यह भी है कि 56 मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किए गए। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को देहरादून में सबसे अधिक 62 नए मरीज मिले हैं। राजधानी देहरादून एक बार फिर कोरोना का हॉट स्पॉट बनता रहा है।
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रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को नैनीताल में 15, हरिद्वार में 8, टिहरी में तीन, पौड़ी में दो, अल्मोड़ा में 6, बागेश्वर, चमोली, चंपावत और पिथौरागढ़ में एक एक नए मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर में एक्टिव मरीजों की संख्या 197 हो गई है। एक्टिव केसों में सबसे ज्यादा 87 केस अकेले देहरादून जिले में हैं। मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से देहरादून में लगातार कोरोना केस सामने आ रहे हैं। मंगलवार को राज्य के विभिन्न अस्पतालों से 771 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। स्वास्थ्य विभाग को 600 संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की रिपोर्ट भी मिली है। इधर, उत्तराखंड में लगातार कोरोना केसों के बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग की अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर व्यवस्थाओं को परखा गया है। इस दौरान जो कमियां सामने आई हैं उनमें सुधार के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाली गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कराने को कहा गया है।
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10 अप्रैल मॉक ड्रिल में खुली पोल, नहीं था कोई प्लान
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते केसों के बीच कई खामियां सामने आईं हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई 10 अप्रैल को की गई मॉकड्रिल में व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। आपको बता दें कि मॉक ड्रिल के दौरान हरिद्वार के मेला अस्पताल में एक ऑक्सीजन प्लांट बंद मिला, जबकि 25 में से 10 वेंटिलेटर खराब मिले। जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को मॉकड्रिल की जानकारी तक नहीं थी। जिला अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट भी बंद मिला। जिला अस्पताल के दो बेड के एचडीयू वार्ड में भी एक वेंटिलेटर खराब मिला। स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को मॉकड्रिल के माध्यम से कोरोना की रोकथाम को लेकर की गई व्यवस्थाओं को परखा। लेकिन मॉकड्रिल ने विभाग की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी। मेला अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट में से 200 एलपीएम क्षमता वाला प्लांट खराब पड़ा था। एक अन्य प्लांट काम कर रहा था। मेला अस्पताल में पांच बेड के आइसीयू वार्ड के वेंटिलेटर सुचारु थे। लेकिन मेला अस्पताल के 25 में 10 वेंटिलेटर खराब थे। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी ने मास्क का प्रयोग करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सोमवार को मॉकड्रिल के दौरान मेला अस्पताल में मरीजों और उसके तीमारदारों को बिना मास्क के अंदर जाने नहीं दिया गया। अस्पताल प्रबंधन मरीजों को मास्क भी वितरित कर रहा है। इसके विपरीत जिला अस्पताल में लापरवाही बरती जा रही थी। ओपीडी पर्ची की लाइन में अधिकतर मरीज बिना मास्क के खड़े नजर आए।
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