मुख्यमंत्री धामी ने की प्रदेशहित में आज 16 महत्वपूर्ण घोषणाएं, पढ़ें…
सरकार के एक साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशहित में आज 16 महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। जिससे युवाओं से लेकर बच्चों तक सबको लाभ मिलेगा। जानें क्या मिलेगी किसे सुविधा..
- मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में मुख्यमन्त्री प्रतियोगी परीक्षार्थी परिवहन योजना शुरू की जायेगी। इस योजना के तहत परीक्षाओं में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों को आने-जाने के लिए परिवहन निगम की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
- कक्षा 06 से ही कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी की शिक्षा को लागू किया जायेगा।
- राज्य के सभी 13 जनपदों में लैब ऑन व्हील्स ‘‘चलती-फिरती प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी
- उत्तराखण्ड राज्य साइंस टेक्नोलॉजी और इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जायेगा
- साथ ही राज्य सरकार इस क्षेत्र में शीघ्र ही ‘‘साइंस और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पॉलिसी’’ लायेगी।
- हल्द्वानी गौलापार में स्थापित अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम को उच्चीकृत कर अन्तरराष्ट्रीय मानकों काखेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा।
- राज्य में काश्तकारों को सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री औद्यानिकीकरण योजना प्रारम्भ की जायेगी।
- राज्य में पशुपालकों को सहयोग देने के मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन प्रारम्भ किया जाएगा।
- राज्य में मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योजना प्रारम्भ की जायेगी। जिसमें स्नातक पास छात्र एवं छात्राओं को आवश्यक रूप से दक्ष बनाया जायेगा।
- राज्य के ऐसे गाँव जिनकी आबादी 250 से अधिक है, उनको मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारम्भ की जाएगी।
- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उपलब्धता एवं उपयुक्तता के आधार पर 01-01 अमृत सरोवर / झील को पर्यटक स्थल एवं वाटर स्पोर्टस के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
- जिला सेवायोजन एवं कौशल विकास कार्यालय को स्वरोजगार केन्द्र के नोडल कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
- श्रमिकों के बच्चों को भी उचित स्कूली शिक्षा मिल सके इस हेतु राज्य सरकार मोबाईल स्कूल (चलते-फिरते स्कूल) प्रारम्भ किये जायेंगे।
- राज्य सरकार द्वारा दिवालीखाल से गैरसैंण तक के सड़क मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य किया जायेगा।
- लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु होने पर उनकी पेंशन विधवा पत्नी को दी जाएगी।
- उत्तराखण्ड के लोकपर्वों उत्तरायणी, फूलदैई, हरेला, ईगास, बूढ़ीदिवाली आदि लोकपर्वों को व्यापक पहचान दिलाए जाने एवं पूर्ण श्रद्धा एवं हर्षाल्लास के साथ मनाए जाने के लिए समेकित नीति बनाई जाएगी।