उत्तराखंड में दिखेगा चंद्र ग्रहण का असर। जानें दुष्प्रभाव से बचने के उपाय, इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव..

0
Lunar Eclipse 8 November 2022 Date and Time. Hillvani News

Lunar Eclipse 8 November 2022 Date and Time. Hillvani News

2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है। मई महीने में पहला चंद्र ग्रहण लगने के बाद इस बार का चंद्र ग्रहण कई मायनों में विशेष माना जा रहा है। भारत में चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को शाम 5.32 बजे प्रारंभ होगा और रात 7.27 बजे समाप्त होगा। उत्तराखंड में भी इसका असर देखने का मिलेगा। किसी भी दुष्प्रभाव से बचने को बदरीनाथ और अन्य मंदिर चंद्रग्रहण के दौरान आठ नवंबर को बंद रहेंगे। बदरीनाथ मंदिर सहित मां लक्ष्मी मंदिर, मातामूर्ति मंदिर, आदिकेदारेश्वर मंदिर, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, वासुदेव मंदिर, दुर्गा मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन, श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, केदार मद्महेश्वर, त्रिजुगीनारायण मंदिर के कपाट बंद होंगे। इसी के साथ ही कालीमठ मां काली मंदिर, गोपाल मंदिर नंदप्रयाग, नव दुर्गा मंदिर टिहरी, सदगुरु धाम मंदिर सेरा, मां दुर्गा चंद्रवदनी मंदिर कारगी चौक देहरादून सहित सभी छोटे- बड़े मंदिर दिनभर बंद रहेंगे। बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर समिति के अधीनस्थ तथा दस्तूरधारी सभी मंदिर ग्रहणकाल के सूतक शुरू होते बंद हो जायेंगे। ज्योतिषीय समय गणनानुसार संपूर्ण ब्रह्मांड में चंद्र ग्रहण दिन में एक बजकर बत्तीस मिनट पर शूरू होगा। शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। भारत वर्ष में चंद्र ग्रहण शाम पांच बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा तथा शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। इस तरह ग्रहणकाल सीमित रहेगा।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बनेंगे पांच नए शहर, जिलावार मांगे गए प्रस्ताव। इन शहरों की ये होंगी खासियत..

यह होगी चंद्र गहण की अवधि
चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 95 मिनट होगी। पिछली बार 16 मई को पहला चंद्र ग्रहण प्रात: 8.59 बजे से प्रात: 10.23 बजे तक लगा था। इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्व की तुलना में 31 मिनट अधिक का होगा। यह चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद लग रहा है। यानी इस बार चंद्र ग्रहण के दिन ही कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन हिन्दू भारत में देव दीपावली त्यौहार मनाते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शास्त्र और पंचांगों के अनुसार देव दीपावली दिन चंद्र ग्रहण लगता है तो यह तिथि काफी अहम हो जाती है। वैसे ग्रहण को शास्त्रों में अच्छा नहीं माना गया है। यही वजह है कि लोग कोई भी शुभ कार्य इस अवधि में नहीं करते हैं। यह ग्रहण भारत, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, एशिया के सभी द्वीपों, पूर्वी और दक्षिण यूरोप के देशों, आस्ट्रेलिया, पेसिफिक अटलांटिक और हिंद महासागर में लोग आसानी से देख सकते हैं।
सूतक काल के दौरान ध्यान रखें यह बातें-
1- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक समय को आमतौर पर अशुभ मुहूर्त समय माना जाता है। इसे ऐसा समय कहा जा सकता है, जिसमें शुभ कार्य करने वर्जित होते है। सूतक ग्रहण समाप्ति के बाद धर्म स्थलों को फिर से पवित्र किया जाता है।
2- सूतक के समय भोजन नहीं करना चाहिए। जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए।
3- ग्रहण के बाद पीने के पानी को बदल लेना चाहिए। अनेक वैज्ञानिक शोधों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत शिथिल हो जाती है। ऐसे में यदि उनके पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाएगा तो उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।
4- चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः अग्निवीर में असफल युवक ने की आत्महत्या, 3 साल से कर रहा था भर्ती की तैयारी..

चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल-
चंद्र ग्रहण के दिन ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे। तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध व शुक्र की युति बन रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति से अशुभ संयोग बन रहा है। ग्रहों की इस स्थिति की वजह से चंद्र ग्रहण पर अशुभ संयोग बन रहा है।
शनि व मंगल आमने-सामने-
शनि व मंगल के आमने-सामने होने से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण के समय मंगल और देवगुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में होंगे। किसी भी ग्रह की वक्री अवस्था का अर्थ उसकी उल्टी चाल से होता है।
किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव-
8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण पांच राशियों पर सबसे ज्यादा असर डालेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ग्रहण काल में वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान इन राशि वालों को आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, करियर व सेहत के मोर्च पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।
नंगी आंखों से न देखें
यदि आप चंद्र ग्रहण देखना चाहते हैं तो नंगी आंखों से न देखें। इसके लिए जरूरी उपकरण जरूर धारण करें, वरना आंखें खराब हो सकती हैं। चूंकि चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान खतरनाक किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं। इससे कई तरह के नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः बिल लाओ-इनाम पाओ! जानें क्या है राज्य कर विभाग की लकी ड्रा योजना..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X