चारधाम यात्रा ने तोड़े रिकॉर्ड, लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज होगी यात्रा..
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा इस बार बेहद खास रही। यात्रा सीजन में इस बार चारों धामों में अब तक तकरीबन 42 लाख से ज्यादा यात्रियों ने दर्शन किए। जो पिछले सालों की अपेक्षा रिकॉर्ड संख्या बताई जा रही है। अब यात्रा अंतिम चरण में है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारों धामों का रुख कर रहे हैं। 2013 की आपदा और कोरोना के बाद ये संख्या रिकॉर्ड बताई जा रही है। हालांकि मानसून सीजन में यात्रियों की संख्या ना के बराबर रही, लेकिन यात्रा में इस बार आए 42 लाख से भी अधिक श्रद्धालु पर्यटन विभाग और सरकार के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी की रीड मानी जाती है। इस यात्रा की वजह से प्रदेश के लाखों व्यापारियों और सरकार को काफी आमदनी होती है। इसलिए इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना न सिर्फ सरकार के लिए खुशखबरी है बल्कि स्थानीय लोग भी इससे काफी उत्साहित हैं।
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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के निर्देशों पर अमल हुआ तो अगले साल से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सिर्फ एक बार ही अवसर मिलेगा। वे साल में एक से अधिक बार चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएंगे। महाराज ने अधिकारियों को यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था में बदलाव करने और इसे आधार संख्या से जोड़ने के भी निर्देश दिए। महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बना है। इसके आधार पर सरकार चारधाम यात्रा को लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए प्रयास करेगी। शुक्रवार को पर्यटन मंत्री ने गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में पर्यटन विकास योजनाओं और शीतकालीन यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक की। महाराज ने कहा कि सर्दियों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2014 में शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई थी। प्रदेश में साल भर पर्यटन की गतिविधियां चलती रहे, इसके लिए सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही है। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ जी का जोशीमठ व पांडुकेश्वर में प्रवास होता है। जो श्रद्धालु चारधामों में नहीं जा पाते हैं, वे शीतकालीन प्रवासों में पूजा अर्चना व दर्शन करने आते हैं।
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कपाट बंद होने तक संख्या 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद
शीतकालीन प्रवासों में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में अब तक 42 लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। जो यात्रा के इतिहास में रिकॉर्ड है। इसके आधार पर चारधाम यात्रा को लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। चारधामों के कपाट बंद होने तक यह संख्या 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। बाबा अमरनाथ की तर्ज पर चमोली जिले के नीती घाटी स्थित टिंबरसैंण महादेव की यात्रा को बढ़ावा दिया जाए।
प्रदेश में नए वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के निर्देश
महाराज ने रुद्रप्रयाग जिले में स्थित शिव और पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश के अन्य स्थानों को भी वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही गुरु गोरखनाथ ट्रेक में पड़ने वाले मंदिरों का भी सर्किट विकसित किया जाए।
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