UKSSSC VPDO भर्तीः रावत-कन्याल की जोड़ी ने किया खेल, घर में तैयार किया रिजल्ट। खुले कई राज..
यूकेएसएसएससी (UKSSSC)आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत के साथ पूर्व सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को एसटीएफ ने वर्ष 2016 के वीपीडीओ भर्ती घपले में पूरे साक्ष्य जुटाने के बाद गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग, फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का कार्य पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था। ओएमआर से छेड़छाड़ कर ही इस भर्ती में खेल किया गया। सूत्रों के मुताबिक यहीं पर ओएमआर से छेड़छाड़ कर जिन अभ्यर्थियों से सौदा हुआ था, उन्हें पास किया गया। जांच के दौरान एसटीएफ ने दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए और उनके बयान कलमबंद किए।
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रावत और कन्याल की जोड़ी ने किया खेल
आयोग में रावत और कन्याल की जोड़ी काफी चर्चित रही है। उस दौरान काफी भर्तियों को इन्होंने कराया। सूत्रों ने बताया कि दोनों की आयोग में खूब चलती थी, इनके इशारों पर ही हर कार्य यहां पर होता था। रावत का हर सरकार में अच्छा दखल होने के चलते वह अब तक बचे रहे।
तीनों आरोपियों के नाम एवं पते
डॉ. रघुवीर सिंह रावत पुत्र दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून पूर्व अध्यक्ष, मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी 169/2 वन विहार शिमला बाइपास देहरादून पूर्व सचिव आयोग और संयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून, राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र प्रेम सिंह पोखरिया 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून।
कंपनी का सीईओ भी हो चुका गिरफ्तार
भर्ती मामले में कंपनी का सीईओ राजेश पाल को एसटीएफ ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं कंपनी मालिक के दोस्त मुकेश चौहान और एक अन्य कर्मचारी मुकेश को भी गिरफ्तार किया गया है। इन पर भी ओएमआर शीट दलालों को उपलब्ध कराने के आरोप लगे हैं।
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तुम गोले खाली छोड़ देना, बाकी सब हम देख लेंगे..
UKSSSC वीपीडीओ भर्ती घपले मामले में युवाओं को पास कराने के नाम पर दलालों ने उनसे खूब उगाही की। उनके आकाओं ने उन्हें पूरी पट्टी पढ़ाकर सक्रिय किया था। वह युवाओं को यह कहकर फंसाते थे कि तुम समझ में न आने वाले सवालों के बस गोले खाली छोड़ देना, बाकी सब काम हम कर लेंगे। दलाल युवाओं से 12 से 20 लाख रुपये की उगाही करते थे। एसटीएफ ने जांच में कई युवाओं से पूछताछ की तो यह खुलासे हुए हैं। वही अब उच्च पदों पर रहे अफसरों की गिरफ्तारी से भी साफ हो गया है कि ऊपर तक इन दलालों की पहुंच थी। इनके संरक्षण में ही ये पूरा गैंग चलाते थे।
बैग में ओएमआर शीट लेकर चलता था
एक अधिकारी के बारे में बताया जा रहा है कि वह अपने बैग में ओएमआर शीट लेकर चलता था। दलालों एवं कई युवाओं के सामने उसने ओएमआर शीट दिखाई भी। जिससे युवा आसानी से उनके झांसे में आ जाते थे और उन्हें नौकरी मिलने का भरोसा हो जाता था। अब इस अधिकारी पर ही शिकंजा कसा गया है।
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