Uttarakhand To Delhi: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! 1 अक्तूबर से बस यात्रियों की मुश्किलें बढ़ना तय, जानें क्यों?
एक अक्तूबर से उत्तराखंड से दिल्ली की रोडवेज बस सेवा पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एक अक्तूबर से दिल्ली सरकार ने यदि बीएस-4 मानक की बसों की एंट्री बंद की तो उत्तराखंड रोडवेज की 230 से ज्यादा बसें दिल्ली तक नहीं जा पाएंगी। ऐसे में उत्तराखंड के कई शहरों और दिल्ली के बीच रोडवेज बसों का संचालन बंद हो सकता है। अगर बसों का संचालन बंद होता है तो बस यात्रियों की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। दिल्ली सरकार ने तीन महीने पहले उत्तराखंड रोडवेज को पत्र भेजकर एक अक्तूबर से सिर्फ बीएस-6 मानक की बसें दिल्ली भेजने को कहा था, लेकिन उत्तराखंड रोडवेज बसों का इंतजाम नहीं कर पाया। जो बसें दिल्ली तक चल रही हैं, वह बीएस-4 मानक की हैं। रोडवेज के महाप्रबंधक संचालक दीपक जैन दिल्ली सरकार ने एक अक्तूबर से बीएस-4 बसें नहीं भेजने के लिए सुझाव पत्र भेजा था। इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है, इसलिए जो बसें दिल्ली जा रही हैं, वह जाती रहेंगी। हमारे पास 17 सीएनजी बसें हैं। नये टेंडर में जो 40 बसें मिलनी थीं वे मिल नहीं पाई हैं।
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इन रूटों पर चलनी थीं सीएनजी बसें
देहरादून-दिल्ली 20, देहरादून-दिल्ली-फरीदाबाद छह, ऋषिकेश-दिल्ली 12, रुडकी दिल्ली 10, हरिद्वार-दिल्ली 16, हरिद्वार-दिल्ली-कुतुबगढ़ एक, हरिद्वार-दिल्ली-गुरुग्राम दो, हरिद्वार-दिल्ली-पलवल एक, हल्द्वानी-दिल्ली 12, हल्द्वानी-दिल्ली-फरीदाबाद दो, काठगोदाम-दिल्ली छह बसें चलनी हैं।
बस सेवा बंद हुई तो होगा नुकसान
उत्तराखंड से दिल्ली बस सेवा से परिवहन निगम को सबसे ज्यादा कमाई होती है। ऐसे में अगर समय से बसें उपलब्ध नहीं हुईं तो परिवहन निगम को नुकसान हो सकता है। बताया जा रहा है कि अगर दिल्ली की बस सेवा बंद हो गई तो 50 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हो जाएगा।
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