100 साल पुरानी रामलीला: शबरी राम मिलन और हनुमान राम मिलन के दृश्यों को देखकर भावुक हुए राम भक्त..
विकासखण्ड मुख्यालय भटवाड़ी में हो रही रामलीला मंचन में 13वें दिन की रामलीला में भगवान राम के दो अनन्य भक्तों की प्रभु श्रीराम से भेंट हुई जहाँ शबरी राम के आने की प्रतीक्षा में भजन गाती हुई, मार्ग बार बार साफ कर रही हैं। प्रभु श्री राम भी ऋषियों से शबरी की कुटिया का मार्ग पूछते हैं। शबरी को मतंग ऋषि ने राम के दर्शन का आशीर्वाद दिया था जो पूर्ण होने वाला है। राम-लक्ष्मण को आते देख शबरी इतनी भावुक हो जाती है कि प्रभु श्रीराम के चरणों से लिपट जाती हैं और प्रभु श्रीराम को शबरी अपनी कुटिया में चख चख कर प्रभु राम-लक्ष्मण को बेर खाने को देती है और श्रीराम के द्वारा शबरी को नवदा भक्ति का ज्ञान दिया जाता है मार्ग में प्रभु श्रीराम आगे की ओर बढ़ते हैं। सुग्रीव ने ऋश्यमूक पर्वत पर दूर से राम-लक्ष्मण को आते देखा तो समझा कि कहीं बाली ने बदला लेने के लिए तो इन्हें नहीं भेजा है। ऐसा विचार कर हनुमानजी को उनके समक्ष भेजा।
हनुमान ब्राह्मण का रूप धारण कर राम लक्ष्मण से उनका परिचय पूछते हैं। परिचय होने पर हनुमान प्रभु राम के चरणों में गिर पड़े व स्तुति करने लगे। श्रीराम ने उनको उठाकर हृदय से लगा लिया और सुग्रीव से भेंट होने के बाद सुग्रीव बाली के बारे में प्रभु को बताते हैं और प्रभु श्री राम बाली का वध करते हैं लीला में यह दृश्य दिखाई दिए इस दौरान भास्कर ईश्वर रामलीला समिति के अध्यक्ष विवेक नौटियाल ने बताया कि विकासखंड मुख्यालय पर यह रामलीला लगभग 104 / 5 वर्षों से अधिक समय से निरंतर होती आ रही है विगत कुछ वर्ष कोरोना काल में यह राम यज्ञ नहीं हो पाया जिसे अब हम पुनः निरंतर हर वर्ष राम यज्ञ करते जाएंगे। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में श्रीपंच मन्दिर समिति के पुरोहित व नेताला क्षेत्र पंचायत सदस्य अमित सेमवाल , ग्राम प्रधान भटवाड़ी संतोष नौटियाल, लंदन निवासी पुरोहित, शिबेन्द्र नेगी, प्रथम रावत, राजेश पंवार, डॉ. प्रमोद राणा एवं राजस्व उपनिरीक्षक प्रबेन्द्र पंवार मौजूद रहें।