जखोली में सैनिक स्कूल के नाम पर 10 करोड़ खर्च फिर भी ठंडे बस्ते में प्रस्ताव, चमोली-चंपावत में बनेंगे सैनिक स्कूल..
चमोली और चंपावत में सैनिक स्कूल बनाने की तैयारी है, जबकि रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल के नाम पर 10 करोड़ खर्च करने के बाद इसका प्रस्ताव ठंडे बस्ते में हैं। कार्यदायी संस्था उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम श्रीनगर की ओर से इस स्कूल के लिए 284 करोड़ 96 लाख का प्राक्कलन तैयार कर इसे शासन को भेजा गया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है स्कूल निर्माण की लागत बहुत अधिक है। प्रदेश में अभी एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में हैं। इसका संचालन रक्षा मंत्रालय की ओर से किया जाता है। इस स्कूल के अलावा रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में वर्ष 2015-16 में सैनिक स्कूल के निर्माण पर सहमति बनी थी, लेकिन स्कूल निर्माण को लेकर मामला काफी समय तक शिक्षा विभाग और सैनिक कल्याण विभाग की खींचतान में फंसा रहा।
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10 करोड़ धनराशि बाउंड्रीवाल और रास्ता बनाने में ही खर्च
इस बीच सैनिक कल्याण एवं मंडी परिषद से 10 करोड़ रुपये इस स्कूल के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिए गए थे, लेकिन यूपी निर्माण निगम ने यह धनराशि बाउंड्रीवाल और रास्ता बनाने में ही खर्च कर दी। पिछले साल 30 अगस्त 2022 को अधूरे पड़े सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य का जिम्मा सैनिक कल्याण विभाग से शिक्षा विभाग को सौंपा गया। वहीं यूपी निर्माण निगम से काम हटाकर उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम श्रीनगर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया। कार्यदायी संस्थान की ओर से 284 करोड़ 96 लाख का प्राक्कलन तैयार कर इसे शासन को भेजा गया है, लेकिन इस स्कूल की लागत बहुत अधिक बताई जा रही है। रुद्रप्रयाग से भाजपा विधायक भरत चौधरी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय से स्कूल की फिर से फाइल तैयार कराई गई है। प्रयास किया जा रहा है कि नवरत्न कंपनियों से सीएसआर फंड लेकर स्कूल का निर्माण कराया जाए। इसमें राज्य सरकार से भी कुछ मदद ली जा सकती है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना है कि चमोली और चंपावत में सैनिक स्कूल प्रस्तावित किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय से इसकी मंजूरी के बाद पीपीपी मोड में इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा।
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सैनिक स्कूल के नाम पर करोड़ों का घोटाला
आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक व तत्कालीन हरीश रावत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग के विकासखंड जखोली के थाती बड़मा में सैनिक स्कूल की नींव रखी थी परन्तु कांग्रेस कार्यकाल में दलबदल के बाद हरक सिंह के भाजपा में जाने के बाद से स्कूल का भवन निर्माण अधर में लटका है। वर्ष 2013-14 में हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा सभा सीट रुद्रप्रयाग में धूमधाम से सैनिक स्कूल का शिलान्यास किया था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत पर दबाव डालकर डॉ. हरक सिंह रावत ने तुरन्त सैनिक स्कूल के निर्माण के लिये 11 करोड रूपए भी जारी कर दिए थे। जिसमें कि 6 करोड़ सैनिक कल्याण विभाग व 5 करोड़ उपनल के माध्यम से थे। निर्माणाधीन सैनिक स्कूल रुद्रप्रयाग उत्तराखंड का दूसरा व देश का 26वां सैनिक स्कूल बनना था। कार्यकारी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने 10 करोड़ रूपए की धनराशि से दिग्धार में खानापूर्ती के लिए जमीन समतलीकरण, दीवाल और डेढ़ किलोमीटर कच्ची सड़क का ही निर्माण किया है। स्थानीय लोगों को सैनिक स्कूल निर्माण से विकास की उम्मीद जगी थी। सैनिक स्कूल के लिए उन्होंने अपनी सिंचित जमीन तक दे दी थी।
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